टाहलीवाल से मुंह मोड़ रहे कारोबारी

By: Apr 15th, 2019 12:05 am

टाहलीवाल—औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल के लिए वर्ष 2019 अशुभ रहा है। औद्योगिक क्षेत्र में जहां कई उद्योग कामकाज न होने के चलते पलायन कर गए, वहीं जो उद्योग ठीक से कार्य कर रहे थे, उनमें भी प्रोडेक्शन में भारी कमी आई है। जिसके चलते हजारों कामकारों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल के एक, दो, तीन व चार फेज में किसी समय 100 के करीब औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत थीं,  लेकिन इस समय 50 के करीब औद्योगिक इकाइयां चल रही हंै।  पिछले तीन-चार महीनों में ही क्षेत्र से करीब एक दर्जन से अधिक नामी उद्योग बंद हो चुके हंै। औद्योगिक क्षेत्र में चल रहे उद्योगों को अंगुलियों पर गिना जा सकता है। श्रम विभाग व सरकार भी इस ओर कोई कारगर कदम उठाते नहीं दिख रहे हंै। टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र का नाम किसी समय प्रदेश सहित देश के बेहतरीन औद्योगिक क्षेत्रों में शुमार था। यहां पर सैकड़ों नामी उद्योगों ने कार्य शुरू कर क्षेत्र के हजारों लोगों को रोजगार मुहैया करवाया था। अब हालात ये हो गए हंै कि टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र मंे डेढ़ दर्जन उद्योग ही रह गए हैं। जबकि कई उद्योग बंद हो चुके हैं और कई उद्योग प्रबंधकों ने कामकाज न होने के चलते यहां से पलायन करना ही बेहतर समझा। जबकि कई उद्योगों में प्रोडक्शन कम हो गई है और उद्योग प्रबंधकों ने कामगारों की छंटनी कर दी है। पुराने यूनिट तो यहां से पलायन कर रहे हंै, और यहां कोई नया यूनिट लगाने को भी तैयार नहीं दिख रहा है। हालांकि सरकार द्वारा पंडोगा औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है, लेकिन टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र के वर्चस्व को कायम रखने के लिए सरकार व श्रम विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। धीरे-धीरे औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों की संख्या कम हो रही है। हाल ही में सिंगा में एक नामी उद्योग शुरू हुआ है। पहले कांग्रेस व अब भाजपा के नेताओं ने युवा बेरोजगारों को रोजगार के स्वपन दिखाए, लेकिन अभी तक उद्योग पूरी तरह से न चल पाने के चलते युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाया है। अन्य उद्योगों की स्थितियां भी ठीक न होने के चलते युवाओं को बाहरी औद्योगिक क्षेत्र की और रुख करना पड़ रहा है। उधर, ऐसा ही हाल औद्योगिक क्षेत्र बेला बाथड़ी का भी है। जहां पर भी कई उद्योग पलायन कर चुके है। उद्योगों के पलायन करने से लोगों के सामने रोजगार की समस्या आ खड़ी हुई है।

श्रम विभाग की नहीं खुल रही आंख

टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र एक, दो, तीन व चार फेज में स्थित है। क्षेत्र का तीन नंबर फेज तो रेंटल कालोनी बनकर रह गया है। जहां लोग किराए के कमरे लेकर रह रहे हंै। वहीं कई लोगों ने यहां पर दुकानें स्थापित कर ली हैं। वहीं कुछेक उद्योग जो चल रहे हंै उन्होंने मनमानी करते हुए सड़कों तक अतिक्रमण कर डाला है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि श्रम विभाग आंखें बंद कर कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है


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