डेपुटेशन के सहारे जोनल अस्पताल

By: Apr 17th, 2019 12:05 am

मंडी—जोनल अस्पताल मंडी में जहां कई विभागों में डाक्टर न होने के कराण ताले लटक चुके हैं, तो गायनी विभाग भी अब डेपुटेशन के सहारे जैसे-तैसे चलाया जा रहा है। दीन दयाल उपाध्याय रिपन अस्पताल से चार गायनी विशेषज्ञों को प्रतिनियुक्ति पर जोनल अस्पताल मंडी भेजा गया है। रोटेशन में एक-एक डाक्टर 15-15 दिन जोनल अस्पताल मंडी में सेवाएं दे रहे हैं। प्रतिनियुक्ति के सहारे कुछ मरीजों को तो फायदा मिल रहा है, लेकिन डाक्टरों की स्थायी तैनाती ही जोनल अस्पताल मंडी के मर्ज का असल इलाज है। 15 दिन की डेपुटेशन से मरीजों को कुछ राहत तो मिली है, लेकिन असल में मरीज अभी भी परेशान हैं। इसके साथ ही गायनी विशेषज्ञ की स्थायी तैनाती न होने से डीएनबी स्टूडेंट्स का भविष्य भी खतरे में पड़ गया है। दरअसल गायनी में पीजी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए दो विशेषज्ञ चिकित्सकों का होना जरूरी है। इसमें एक चिकित्सक के पास कम से कम आठ साल का अनुभव तो दूसरे चिकित्सक के पास तीन साल का एक्सपीरियंस होना चाहिए। अब जोनल अस्पताल में दोनों ही चिकित्सक नहीं हैं। डेपुटेशन भी हाल फिलहाल ही शुरू हुई है। इसलिए मरीजों के साथ-साथ डीएनबी स्टूडेंट्स के लिए  भी यह एक बड़ी दिक्कत है। गायनी के अलावा दूसरे डिपार्टमेंट के हाल भी ठीक नहीं हैं। ईएनटी, स्किन, साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में पिछले साल 20 अक्तूबर से ताले लटके हुए हैं। मेडिसिन और ऑर्थो विभाग में मात्र एक ही डाक्टर सेवाएं दे रहा है। कुछ विभाग में मेडिकल कालेज नेरचौक से डाक्टर शुक्रवार को ओपीडी के लिए जोनल अस्पताल मंडी आते हैं।


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