दिन में नहीं… रात को हो कैनोपी का काम

By: Apr 30th, 2019 12:05 am

ज्वालामुखी—ज्वालामुखी मंदिर के मुख्य मार्ग पर करोड़ों रुपए की बन रही कैनोपी का निर्माण कछुआ गति से चलने से दुकानदारों में प्रशासन के खिलाफ खासा रोष देखने को मिल रहा है। दुकानदारों ने कहा कि कैनोपी का निर्माण सर्दियों में मंदी के दौर में ही कर लेना चाहिए था। अब सीजन का दौर चला हुआ है। कुछ दिन पहले यात्री व दुकानदार पर लोहे का एंगल गिर जाने से दो लोग जख्मी हो गए थे। अब मंदिर मार्ग यात्रियों से पूरी तरह से भरा होता है। ऐसे में कैनोपी का काम करना अपने आप में जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि कैनोपी का काम दिन की बजाय रात को होना चाहिए, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना का सामना न करना पड़े। यात्रियों को मुख्य मंदिर मार्ग से आने-जाने में किसी प्रकार की दिक्कत न होने पाए। इस संदर्भ में सहायक मंदिर आयुक्त राकेश शर्मा ने कहा कि प्रशासन दुकानदारों व यात्रियों के जानमाल की रक्षा के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। ऐसा कोई भी काम नहीं होगा, जिससे किसी प्रकार का जोखिम उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि जो पुरानी कैनोपी का सामान उखाड़ा गया है, उसे व्यर्थ में नहीं गंवाया जाएगा, उसे अन्य मंदिरों में लगाया जाएगा, ताकि मंदिर के पैसे का दुरुपयोग न हो सके। गौरतलब है कि शहर के कुछ लोगों ने कैनोपी के निर्माण के दौरान आवाज बुलंद की थी कि पुरानी कैनोपी को बने हुए अभी कुछ ही समय हुआ है। ऐसे में नई कैनोपी बनाने के लिए क्यों करोड़ों रुपए खर्च करके मंदिर के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिस पर प्रशासन का तर्क था कि क्योंकि पुरानी कैनोपी के अंदर फायर ब्रिगेड की गाड़ी, मंदिर का सामान ले जाने वाले ट्रक व अन्य कई बड़ी गाडि़यों नहीं जा पाती थी, क्योंकि कैनोपी की ऊंचाई ज्यादा नहीं थी, इसलिए नई कैनोपी बनाई जा रही है, जिसमें से हवा व धूप आदि के भी रास्ते में आने जाने की व्यवस्था की गई है। मंदिर न्यास ने यह भी निर्णय लिया था कि पुरानी कैनोपी को जैसे ही उखाड़ा  जाएगा, उसे तारा देवी मंदिर मार्ग व अन्य मंदिरों में लगा दिया जाएगा, ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके, वहीं करोड़ों के सामान का दुरुपयोग न हो, परंतु यह काम भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है, जो पुरानी कैनोपी उखाड़ी जा रही है, उसका सामान कहां रखा जा रहा है, उसका क्या किया जा रहा है, किसी को पता नहीं है।  लोगों ने शीघ्र ही इस उखाड़े गए भारी-भरकम लोहे के सामान को कहीं लगाने की मांग मंदिर प्रशासन से की है, ताकि अवसरवादी लोगों की नजर इस पर न पड़ सके। इस उखाड़े गए सामान को गोदामों में सड़ने के लिए न रखा जाए। इसे तारादेवी मंदिर व भैरों मंदिर मागर्ाों पर कैनोपी बनाने में इस्तेमाल किया जाए।

बेकार नहीं जाएगा पुरानी कैनोपी का सामान

सहायक मंदिर आयुक्त राकेश शर्मा ने कहा कि प्रशासन दुकानदारों व यात्रियों के जानमाल की रक्षा के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। ऐसा कोई भी काम नहीं होगा, जिससे किसी प्रकार का जोखिम उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि जो पुरानी कैनोपी का सामान उखाड़ा गया है, उसे व्यर्थ में नहीं गंवाया जाएगा, उसे अन्य मंदिरों में लगाया जाएगा


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