पलभर में साथ छोड़ गए अपने
पंजपुला हादसे में तीन लोगों ने खो दिए जीवनसाथी
बनीखेत —पठानकोट-डलहौजी मार्ग पर पंजपुला के पास हुए बस हादसे ने कई हंसते-खेलते परिवारों को तबाह करके रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में किसी ने बेटी तो किसी ने भाई को खो दिया है। इस हादसे में सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाकर एक हुए तीन दपंत्तियों का साथ भी हमेशा के लिए छूट गया। इस हादसे में मारे जाने वाले लोग चंबा व कांगड़ा के अलावा पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल व दिल्ली तक संबंध रखते थे। इसी हादसे में कांगड़ा जिला के नुरपुर के दो दंपत्ति भी हमेशा के लिए एक-दूसरे से बिछुड़ गए हैं। नुरपुर के दो दोस्त मनीष अपनी पत्नी दीक्षा और पंकज अपनी पत्नी रजनी संग डलहौजी की हसीन वादियों को निहारने के लिए हंसी खुशी घर से निकलकर इस बस में सवार हुए थे। उन्हें जरा भी इल्म न रहा होगा कि वे ऐसे सफर पर जा रहे हैं, जहां से वे कभी साथ नहीं लौटेंगे। इस हादसे में दीक्षा के पति मनीष और पंकज की पत्नी रजनी की मौत हो गई। इस हादसे में बनीखेत में रोजी-रोटी के जुगाड़ करने के लिए छोटा-मोटा काम करने वाले पश्चिम बंगाल के वसीम की मौत ने भी एक हंसते-खेलते परिवार को तबाह कर दिया है। बतातें चलें कि शनिवार शाम करीब सात बजे पंजपुला के पास एक निजी बस के नाले में गिरने से दस लोगों की मौत हो गई, जबकि 18 गंभीर रूप से घायल हुए, जिनका अस्पताल में उपचार हो रहा है। इन घायलों में भी कई की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है। पंजपुला के पास हुए बस हादसे ने कई परिवारों को ताउम्र न भूलने वाले जख्म दिए हैं, जिनकी भरपाई हो पाना नामुमकिन है। वहीं इस हादसे में बस चालक की लापरवाही सामने आ रही है।
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