पांचवीं-आठवीं की अब बोर्ड परीक्षाएं

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने दिए संकेत; कहा, शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बेहतर होगा फैसला

शिमला —सरकारी स्कूलों में शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए अब कम पढ़ाई करने वाले छात्रों को फेल किया जाएगा। वहीं इस सत्र से कक्षा पांचवीं और आठवीं के छात्रों की भी बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएंगी। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सोमवार को इस बारे में संकेत जारी कर दिए हैं। सोमवार को दसवीं की परीक्षा का परिणाम आने के बाद शिक्षा मंत्री ने सरकारी शिक्षा को सुदृढ़ करने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इस बार दसवीं की बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम खराब रहा है। उन्होंने परीक्षा परिणाम के खराब होने का कारण परीक्षा केंद्रों में लगे सीसीटीवी कैमरे बताया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बार छात्रों को नकल करने का मौका नहीं मिला, यही वजह है कि इस बार दसवीं का परीक्षा परिणाम इतना खराब रहा। हालांकि उन्होंने मैरिट पर आने वाले छात्रों को बधाई भी दी है। इसके साथ ही छात्रों को आगे की कक्षाओं में भी बेहतर अंक लेकर पास होने का आह्वान किया है। बता दें कि इस बार दसवीं की बोर्ड परीक्षा में प्रदेश भर से एक लाख 11 हजार 980 छात्र बैठे थे, उनमें से 67319 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। 6395 छात्रों की कंपार्टमेंट आई है। शिक्षा मंत्री ने इन परीक्षा परिणामों पर चिंता भी जाहिर की है। बताया जा रहा है कि स्कूल शिक्षा बोर्ड ही पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों के प्रश्नपत्रों को छापेगा। सूत्रों के मूताबिक पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों की परीक्षाएं भी अब तीसरी आंख के पहरे में होंगी। गौर हो कि इस बार दसवीं कक्षा का परिणाम पिछले तीन सालों में सबसे कम रहा है। ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रिजल्ट में इतनी गिरावट क्यों आई है। बता दें कि इस बार राज्य सरकार ने भी बेहतर रिजल्ट को लेकर नए लर्निंग आउट कम्स प्लान भी शुरू किए थे।

कैबिनेट में दिलवाई जाएगी मंजूरी

शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इस साल से अब पांचवीं और आठवीं के छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं करवाई जाएंगी। इस फैसले को आचार संहिता खत्म होने के बाद पहली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दिलाई जाएगी। बता दें कि राज्य सरकार ने पहले से ही सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के छात्रों के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी लागू करने का फैसला पहले से ही ले लिया था। अब फाइनल रूप सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए लाने की योजना बना दी है।