प्रदेश के 500 निजी स्कूलों ने बढ़ाई फीस

By: Apr 24th, 2019 12:01 am

शिमला – हिमाचल के 11 जिलों के 500 निजी स्कूलों ने मनमाने ढंग से एक साल में फीस बढ़ोतरी कर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ाया है। इन स्कूलों की रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय में पहुंच गई है। आचार संहिता खत्म होने के बाद शिक्षा विभाग इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करेंगे। निजी स्कूलों के फीस स्ट्रक्चर को लेकर मंगलवार को उच्च शिक्षा निदेशालय में सभी जिलों के निरीक्षण दल के उपनिदेशकों की बैठक निदेशक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। अहम यह है कि बैठक में जिला लाहुल स्पिति को छोड़कर प्रदेश के 11 जिलों के उपनिदेशक शामिल हुए। उपनिदेशकों ने निदेशक को उन निजी स्कूलों की रिपोर्ट सौंपी, जिन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर शिक्षण संस्थानों को केवल बिजनेस का अड्डा बनाया हुआ है। इस रिपोर्ट में नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक बीते साल के मुकाबले की गई फीस बढ़ोतरी, बिना सरकार के मंजूरी के स्कूल परिसरों में बेची जा रही वर्दी और स्टेशनरी, छात्रों को दी जा रही ट्रांसपोर्ट सुविधा के लिए वसूली जा रही फीस और  स्कूलों द्वारा गठित पीटीए कमेटी को लेकर ब्यौरा दिया गया है। इस दौरान उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि निरीक्षण दल के उपनिदेशकों द्वारा दी गई रिपोर्ट का आकलन किया जाएगा। यदि कहीं कमी पाई जाती है, तो नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। फीस आचार संहिता के कारण स्कूलों के लिए नए नियम नहीं बनाए जा सकते हैं, लेकिन जो तय नियम हैं, उनके अनुसार कार्रवाई होगी। शिक्षा निदेशालय में फीस बढ़ोतरी के मामले को लेकर सौंपी गई रिपोर्ट का इंतजार प्रदेश भर के अभिभावक कर रहे हैं।

स्कूलों पर कार्रवाई के लिए बनेगा कानून

शिक्षा विभाग फीस ब्यौरे को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगा, वहीं नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों को नोटिस जारी किए जाएंगे। इस दौरान निजी स्कूलों की एनओसी को भी रद्द किया जा सकता है। स्कूलों पर कार्रवाई के लिए प्रोपोजल तैयार किया गया है। निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने के लिए कानून बनाने की मांग भी शिक्षा विभाग द्वारा सरकार से की जाएगी। शिक्षा अधिकारियों ने सरकार के आदेशों के बाद निजी स्कूलों पर कार्रवाई के लिए कानूनी राय भी ले ली है।


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