प्लास्टिक फैक्टरी राख

टाहलीवाल – जिला ऊना के औद्योगिक क्षेत्र बाथड़ी में मंगलवार रात एक प्लास्टिक उद्योग में भीषण आग लग गई। घटना में फैक्टरी का एक भाग पूरी तरह जलकर नष्ट हो गया। हालांकि अग्निकांड में फैक्टरी में नाइट ड्यूटी पर तैनात 40 से अधिक कामगार सुरक्षित बच गए, जबकि आग बुझाते हुए जहरीले धुएं की चपेट में आने से एकदम दमकल कर्मी को उपचार के लिए अस्पताल दाखिल करवाना पड़ा। अग्निकांड में प्लास्टिक उद्योग का करीब दस करोड़ का नुकसान हुआ है। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। ऊना, टाहलीवाल, नंगल बीबीएमबी, एनएफएल से करीब एक दर्जन दमकल वाहनों ने सारी रात कड़ी मशक्कत कर उद्योग के दूसरे हिस्से को आग की चपेट से बचाया। बुधवार दोपहर तक भी उद्योग में लगी आग पूरी तरह से नियंत्रित नहीं हो पाई थी। जानकारी के अनुसार मंगलवार रात करीब सवा 12 बजे प्लास्टिक उद्योग में नाइट ड्यूटी पर लगभग 40 कर्मचारी तैनात थे। इसी बीच प्रथम तल पर कर्मचारियों ने धुआं उठते देखा। देखते ही देखते वहां आग फैल गई। आनन-फानन में कर्मचारियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन आग तेजी से फैलते देख उद्योग प्रबंधन ने कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाला। आग की सूचना टाहलीवाल व ऊना दमकल विभाग को दी गई, जिस पर दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। कुछ ही क्षणों में आग ऊपर की मंजिलों में भी फैल गई। इस दौरान उद्योग परिसर में करोड़ों रुपए का तैयार माल, रॉ मैटीरियल व मशीनरी आग की भेंट चढ़ गई। फैक्ट्री में लगे वाटर हाइडे्रंट भी नाकाफी साबित हुए और दमकल टेंडर्स को पानी भरने के लिए बार-बार जाना पड़ रहा था। वहीं, आग की सूचना मिलते ही एसडीएम हरोली गौरव चौधरी, डीएसपी हरोली धनराज, एसएचओ हरोली रमण चौधरी मौके पर पहुंच गए। राज्य औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष प्रो.राम कुमार ने भी वहां पहुंचकर राहत व बचाव कार्य के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उपायुक्त ऊना राकेश कुमार प्रजापति ने उद्योग प्रबंधन से बातचीत कर कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। वहीं, एनएफएल नंगल से भी फायर टेंडर्स भिजवाए। उद्योग के जीएम नागेंद्र ने बताया कि रात को उद्योग में आग लगने से करोड़ों का नुकसान हुआ है। आग लगने के कारण उद्योग में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। खबर की पुष्टि डीएसपी हरोली धनराज ने की है।

धुएं ने अस्पताल पहुंचा दिया कर्मचारी

बाथड़ी के प्लास्टिक उद्योग के दूसरे हिस्से में तीसरी मंजिल पर आग पहुंच ही चुकी थी। इसे आग से बचाने के लिए जान की परवाह न करते हुए दमकल विभाग के कर्मियों ने आग बुझाई। इसी बीच प्लास्टिक की आग से उठते जहरीले धुएं की चपेट में आने से ऊना अग्निशमन केंद्र से फायरमैन मुकेश कुमार की अचानक तबीयत बिगड़ गई। इसके बावजूद वह करीब आधा घंटा जहरीले धुएं के बीच आग की लपटों पर काबू पाने के लिए मौके पर डटे रहे व अपनी टीम का भी हौसला बढ़ाते रहे। इसके बाद ज्यादा तबीयत खराब होने पर फायरमैन मुकेश कुमार को पुलिस की गाड़ी में हरोली अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद आरएच ऊना रैफर कर दिया गया।