बच्चे तो सरकारी स्कूल में दाखिल करवाएं पर स्टाफ तो भेजो

By: Apr 18th, 2019 12:05 am

पांवटा साहिब—एक ओर तो सरकार व शिक्षा विभाग अभिभावकों को अपने बच्चे सरकारी स्कूल में दाखिल करवाने की अपील कर रहे हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में स्टॉफ ही नहीं है। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य के प्रति चिंतित हैं। अब तो अभिभावक खुलकर कहने लगे हैं कि वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में क्यों दाखिल करवाएं। सालों से सरकारी स्कूलों में रिक्त पद तो भरे नहीं गए तो क्या वह अपने बच्चों का भविष्य खराब करें। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी की बात करें तो जिला सिरमौर के गिरिपार के ग्रामीण क्षेत्र में हाल कुछ ठीक नहीं हैं। अकेले रावमा पाठशाला कफोटा में विभिन्न विषयों मंे 10 पद रिक्त पड़े हुए हैं और गैर शिक्षक के भी कई पद रिक्त हैं। इसमंे कॉमर्स संकाय में तो मैथ के प्रवक्ता के अलावा बाकी सभी पद रिक्त पड़े हुए हैं। स्कूल के यह हालात पिछले डेढ़ वर्ष से हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही यहां से कई अध्यापकों के तबादले हुए, लेकिन क्षेत्र के नेताओं ने उनके स्थान पर किसी अन्य शिक्षकों की तैनाती करना भी जरूरी नहीं समझा। बावजूद इसके क्षेत्र के कुछ चाटुकार नेता फिर भी क्षेत्र की समस्या दूर करने के वजाय नेताओं और पार्टी के गुणगान गाने में मस्त हैं। ऐसा लगता है कि उन्हें बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। स्टॉफ की कमी के कारण गत वर्ष भी कफोटा स्कूल के कई बच्चों ने दूसरे स्कूलों में दाखिले लिए। एसएमसी के प्रधान दाता राम शर्मा का कहना है कि स्कूल में शिक्षकों के कई पद रिक्त होने के चलते इस बार भी कई बच्चे दूसरे स्कूलों का रूख कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त केंद्र के अन्य स्कूलों में भी शिक्षकों के कई पद रिक्त पड़े हुए हैं। उधर, इस बारे मंे स्कूल के प्रधानाचार्य वाईएम अग्निहोत्री ने बताया कि वह स्कूल में रिक्त पदों का ब्योरा लगातार विभाग को भेज रहे हैं। अभी आचार संहिता है। उम्मीद है कि चुनाव के बाद स्कूल में रिक्त पड़े शिक्षकों के पद भर दिए जाएंगे।


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