बरगद ने रोका मदर चाइल्ड केयर यूनिट का काम

डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा के प्रवेश द्वार में पेड़ काटने की मंजूरी न मिलने पर लटका कार्य

कांगड़ा -डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के प्रवेश द्वार के समीप बनने वाले मदर चाइल्ड केयर यूनिट का निर्माण कार्य बरगद के पेड़ के कारण रुक गया है। बरगद के पेड़ के काटने को मंजूरी न मिलने के कारण इस अस्पताल का निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है। हालांकि इस स्थान पर अन्य प्रजातियांे के एक दर्जन से अधिक पेड़ांे को काटा जा चुका है, लेकिन बरगद पेड़ को काटने की अनुमति न मिलने के कारण निर्माण कार्य को रोक दिया गया है।  जानकारी के अनुसार टांडा अस्पताल में गर्भवती महिलाआंे के लिए अलग से अस्पताल बनाने को लेकर मुख्य गेट के पास ही भूमि का चयन किया गया है। इस स्थान पर वर्ष 2017 में कंेद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा तथा प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला से ऑनलाइन मातृ-शिशु अस्पताल टांडा का शिलान्यास किया था। टीएमसी में निर्मित होने वाले इस अस्पताल मंे दो बिस्तरांे की व्यवस्था की जानी है। इसमंे गर्भवती महिलाआंे तथा प्रसव के उपरांत जच्चा-बच्चा को रखने की व्यवस्था की जानी है। इस अस्पताल के निर्माण के लिए भूमि का चयन करने के अलावा बजट का प्रावधान भी टीएमसी प्रशासन के पास कर दिया गया। टीएमसी प्रशासन ने मदर-चाइल्ड हास्पिटल के निर्माण के लिए मुख्य गेट के पास ही जमीन निर्धारित की थी। चयनित की गई भूमि पर एक दर्जन से अधिक पेड़ विभिन्न प्रजातियांे के थे। इन पेड़ांे के कटान की अनुमति वन विभाग से मांगी गई थी। अन्य प्रजातियांे के वृक्षांे के कटान की अनुमति मिलने के बाद इनकी कटाई भी कर दी गई लेकिन बरगद के पेड़ के कटान की अनुमति अभी तक नहीं मिल पाई है। बरगद के पेड़ को काटने की अनुमति  न मिलने के कारण मदर-चाइल्ड अस्पताल का निर्माण कार्य भी रुक गया है। वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक टीएमसी डा. सुरिंद्र सिंह भारद्वाज ने बताया कि बरगद के पेड़ को काटने की अनुमति के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा गया है।

वन विभाग से मांगी अनुमति

टीएमसी मंे बरसात के मौसम में गिरे बरगद के पेड़ को भी अस्पताल बिना विभागीय अनुमति के नहीं हटा पा रहा है। अस्पताल के ओपीडी ब्लॉक के पास ही यह पेड़ पिछले बरसात के मौसम में गिर गया था। बरगद के पेड़ांे के कटान पर लगी रोक के कारण अभी भी यह पेड़ यहां पर है। इस पेड़ को हटाने के लिए भी अस्पताल प्रशासन द्वारा वन विभाग से अनुमति मांगी गई है, लेकिन अभी तक इसकी अनुमति अस्पताल को नहीं मिली है।