बेहतर परफार्मेंस पर ही बची रहेगी कुर्सी

 शिमला —कांग्रेस पार्टी ने साफ कर दिया है कि लोकसभा चुनाव में जहां उसके विधायकों का रिपोर्ट कार्ड सामने आएगा, वहीं उन पदाधिकारियों की कुर्सी भी उनकी परफार्मेंस के आधार पर ही बचेगी। कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर की दो टूक के बाद पदाधिकारियों के पसीने छूटने शुरू हो गए हैं, क्योंकि अभी कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन किया जाना है, लिहाजा उसमें ओहदेदारी चाहने वालों को चुनाव में काम करना होगा। फील्ड में उसके विधायकों व पदाधिकारियों की मौजूदगी न के बराबर होने की सूचना मिलने के बाद कांगे्रस संगठन हरकत में आया है।  संगठन में अभी टीम सुक्खू के ही लोग हैं, जिनको राठौर ने बदला नहीं है, बल्कि उनके साथ कुछ अन्य पदाधिकारियों को लगाया गया है। ऐसे में टीम सुक्खू के उन ओहदेदारों को संगठन में बने रहने के लिए परफार्मेंस दिखानी जरूरी होगी। यह परफार्मेंस केवल कांग्रेस के मुख्य संगठन के पदाधिकारियों को ही नहीं, बल्कि अग्रणी संगठनों के पदाधिकारियों को भी दिखानी होगी। विधायकों का रिपोर्ट कार्ड जहां अलग से संगठन तैयार करेगा, वहीं अपने ओहदेदारों के कामकाज की भी समीक्षा करेगा। जिन्हें जो जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं, वे यदि इसे निभाने में सफल नहीं होते हैं, तो उनको चुनाव के बाद झटका लग सकता है। यह सोचकर अब कांग्रेस के ओहदेदार फील्ड में उतरना शुरू कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि जब तक प्रत्याशी ही मैदान में नहीं थे, तो वह लोग भी क्या करते और किसके लिए वोट मांगते, परंतु अब तस्वीर साफ है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के फील्ड में उतरने के बाद कांग्रेस में नया जोश भरा है। उनके उतरने के बाद कांग्रेस का प्रचार भी दिखना शुरू हुआ है, परंतु अभी प्रचार के मामले में कांगे्रस को काफी ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है।  बहरहाल अब देखना होगा कि प्रदेश अध्यक्ष की घुड़की के बाद संगठन के नेता कितना काम करते हैं और चुनाव में इनकी परफार्मेंस कैसी रहेगी। जिन क्षेत्रों से कांग्रेस के प्रत्याशियों को लीड नहीं मिलेगी, उनसे बाद में जवाबतलबी जरूर हो। कांगे्रस की प्रभारी रजनी पाटिल भी जल्द ही यहां पहुंचेंगी, जिनका पहले 12 अप्रैल को आने का कार्यक्रम था, लेकिन वह नहीं आ सकीं।