भाषा पर संयम रखें अनिल, हम सुनते नहीं रहेंगे

By: Apr 12th, 2019 12:05 am

पंडित सुखराम के गढ़ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का हमला; कहा, पिता संग ऊर्जा मंत्रालय मांगने दौड़े चले आए थे 

मंडी – मंडी संसदीय सीट पर चले रहे घमासान व अपने ही मंत्री की तीखी बातों का सामना कर रहे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहली बार पंडित सुखराम व अनिल शर्मा के सवालों के कडे़ जवाब दिए हैं। पंडित सुखराम के गढ़ कोटली साईगलू में अनिल शर्मा की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री ने पहली बार एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। जनसभा में अनिल शर्मा के करीबियों में दो पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों के साथ दो दर्जन से अधिक जनप्रतिनिधि भाजपा में शामिल हो गए। जनसभा मुख्यमंत्री ने अनिल शर्मा को चेतावनी दी कि वह बोलते रहेंगे और हम सुनते रहेंगे, यह संभव नहीं। अनिल शर्मा भाषा पर सयंम बरतें। हर बात की सीमा होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कल मेरा एक मंत्री गायब है। पार्टी उन्हें अपने कार्यक्रमों में बुला रही है और मंत्री अपने क्षेत्र में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि पावर मंत्री सरकार में बहुत बड़ा पद है और अनिल शर्मा इसे झुनझुना बता रहे हैं, जबकि अनिल अपने पिता संग उनके पास इसी मंत्रालय को मांगने के लिए दौडे़ आए थे। अभी कई राज हैं, जो हमने दिल में छिपा कर रखे हैं। अनिल क्या सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे, उनके घर में उनके ही वर्षों पुराने साथियों ने आज उन्हें छोड़ कर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित सुखराम व अनिल शर्मा आधी रात को भाजपा में शामिल हुए थे और अगर अनिल भाजपा में नहीं आते तो भी भाजपा सदर सीट हर हाल में जीतती। जयराम ठाकुर ने कहा कि देश को सशक्त नेतृत्व की जरूरत है और पूरे देश नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है। उन्होंने कहा कि भाजपा मंडी सीट भी जीतेगी और सदर विस क्षेत्र से भाजपा बढ़त लेगी। उस वक्त पंडित सुखराम को पता चल जाएगा कि अब उनका दौर चला गया है। इस अवसर पर आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर व भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा सहित अन्य विधायक उपस्थित रहे।

कहा, ऊर्जा मंत्री मुझे नहीं मानते नेता

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल के सभी सहयोगियों के मान-सम्मान की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री होने के कारण मेरी है। चाहे बेशक अनिल शर्मा मुझे नेता नहीं मानते, कोई बात नहीं। मुझे उनसे नेता होने का प्रमाणपत्र भी नहीं लेना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनिल शर्मा कहते हैं कि मुख्यमंत्री ने बिना मांगे सदर को सब कुछ दिया है। वह सच कहते हैं। हम सिर्फ उनके बेटे के टिकट नहीं दे सके और इसी बात का अब अनिल अफसोस जता रहे हैं।

नई दिल्ली टिकट मांगने मेरे पास आए थे दादा-पोता

जयराम ठाकुर ने कहा कि पंडित सुखराम और आश्रय दोनों उनके पास दिल्ली में टिकट मांगने आए थे, तो मुझे उस समय यह सुन कर सदमा लगा था, जब उन्होंने आश्रय के लिए टिकट मांगी। अब तो कांग्रेसी भी इस बात पर शोध कर रहे हैं कि आश्रय को टिकट कैसे मिल गया। अगर सुखराम आश्रय के लिए विधानसभा का टिकट मांगते तो उस पर विचार भी होता।

मैं होता, तो पहले राष्ट्र को चुनता

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनिल शर्मा को हमने नहीं, बल्कि उनके परिवार ने परेशानी और धर्म संकट में डाला है। अगर कभी मेरे सामने ऐसी परिस्थिति आएगी तो मैं देश को चुनूंगा न कि परिवार का साथ दूंगा। मैं जिस विचारधारा से हूं, वहां देश पहले आता है और परिवार बाद में।

स्वाभिमान से जुड़ा है मंडी संसदीय क्षेत्र का चुनाव

नेरचौक – मुख्यमंत्री ने कहा है कि मंडी मे लोकसभा का यह चुनाव मंडी के स्वाभिमान से भी जुड़ा है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इस बार मंडी को मुख्यमंत्री का बड़ा तोहफा देकर मंडी के सम्मान और स्वाभिमान को बढ़ाया है तो इसी के चलते भी अब मंडी मे यह चुनाव मंडी के स्वाभिमान से भी जुड़ा है। मोदी लहर से डरे कांग्रेस के दिग्गज इस बार चुनाव के मैदान में आने की हिम्मत ही नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में भाजपा की लहर को देखकर ही वीरभद्र सिंह ने कहा चुनाव लड़ने से कन्नी काट ली और अपने परिवार से भी किसी के लिए टिकट की पैरवी नहीं की और कौल सिंह ठाकुर ने भी हार के डर के कारण चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। सिर्फ पंडित सुखराम ने कांग्रेस के टिकट में दिलचस्पी दिखाया और उनके पौत्र को आसानी से हारी हुई लड़ाई का टिकट मिल भी गया, लेकिन पुत्र और दादा ने अनिल शर्मा को संकट में डाल दिया।

अब किसी सूरत में भाजपा के लिए प्रचार नहीं करूंगा

मंडी – ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा है कि साईगलू में जिन लोगों को हार पहनाए गए, वे तो पहले ही मेरे साथ भाजपा में हैं। यह सभी लोग मेरे साथ भाजपा में आए थे, फिर ड्रामा समझ से परे है। अनिल ने कहा कि मैं कहीं गायब नहीं हुआ हूं। अभी तक तो पार्टी में हूं। सिर्फ  दुविधा इस बात की है कि मैं बेटे के खिलाफ  प्रचार नहीं कर सकता। पार्टी को सब बातें पता हैं, लेकिन अब पता नहीं मेरी बात को क्यों गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। मैं किसी भी सूरत में अब भाजपा के लिए प्रचार नहीं करूंगा। मेरी मर्जी के खिलाफ  सोशल मीडिया में वोट की अपील हो रही और घर में मेरे खिलाफ  बोला गया। अब किनारा ही ठीक है।

कुर्सी के लिए मंडी की पीठ में झुरा घोंपता आए हैं सुखराम

मंडी – आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ने सदर मंडल भाजपा महिला मोर्चा के सम्मलेन में सुखराम व उनके परिवार पर कुर्सी की खातिर दूसरे की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुखराम परिवार ने 1967 में ठाकुर कर्म सिंह के बजाय डा. वाईएस परमार का साथ देकर मंडी की जनता से धोखा किया था। अगर ठाकुर कर्म सिंह का साथ दिया होता तो मंडी को 1967 में ही मुख्यमंत्री मिल गया होता। वर्ष 1993 में मुख्यमंत्री बनने के लिए सुखराम ने विधायकों को मंत्री पद का प्रलोभन दिया था। मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंचे तो वरिष्ठ विधायकों को दरकिनार कर अपने बेटे अनिल शर्मा के लिए वीरभद्र सिंह से सौदा किया।


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