मां शीतला के दर भक्तों ने नवाया शीश

By: Apr 17th, 2019 12:05 am

नालागढ़—रियासतकाल से नालागढ़ के शीतला माता मंदिर परिसर में मनाए जाने वाले बासड़े के चौथे मंगलवार को भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने शीश नवाया और शीतला माता का आशीर्वाद प्राप्त कर परिवार की खुशहाली व चर्म रोगों से निजात दिलाने कीकामना की। चौथे व अंतिम बासड़े को माथा टेकने के लिए शीतला माता मंदिर नालागढ़ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। जानकारी के अनुसार होली पर्व के बाद पहले मंगलवार से शुरू हुए बासड़े के बाद चौथे मंगलवार को क्षेत्र के भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के मंदिर में जाकर हाजिरी भरी और माता रानी का आशीर्वाद लिया और श्रद्धालुओं ने मंदिर में पवित्र जल, गुलगुले, चने, खील-बताशा व अनाज का प्रसाद व अनाज का दान चढ़ाया। बासड़े में नालागढ़ क्षेत्र के सैकड़ों की संख्या में लोग यहां शीश नवाने आते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हंै। मंगलवार सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था और कतारबद्ध तरीके से लोगों ने मंदिर में माथा टेका और मेले का आनंद उठाया। इन बासड़ों के दौरान लोग मां के दरबार में बच्चों व बड़ों को होने वाली फोड़ा, फूंसी, चिकनपॉक्स आदि रोगों से निजात पाने के लिए दरबार में शीश नवाया और माता ने उन्हें आशीर्वाद के रूप में शीतलता प्रदान की। गौरतलब है कि हंडूर रियासत के शासनकाल से, यहां होली पर्व के बाद आने वाले पहले मंगलवार को बासड़ा मनाया जाता है और इस मंदिर में पुश्त दर पुश्त महंत गंगा दास का परिवार इसकी सेवा करता आ रहा है। यही नहीं इस मंदिर में ज्येष्ठ माह में मंगला दे मेले का भी आयोजन होता है, जिसमें पड़ोसी राज्यों तक के लोग यहां शीश नवाने आते हैं। मंदिर के सेवादार महंत गंगा दास ने बताया कि होली पर्व के बाद पहले मंगलवार से बासड़ा मनाया जाता है और इस बार पांच मंगलवारों को श्रद्धालु बासड़े में शीश नवाएंगे। उन्होंने कहा कि यह बासड़ा पिछले कई सालों से मनाया जाता चला आ रहा है और मंदिर में श्रद्धालु जल, गुलगुले, चने, खील-बताशा, अनाज आदि चढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर में फोड़ा-फूंसी चिकनपॉक्स जैसे चर्म रोगों के उपचार की मान्यता है, जिसके चलते श्रद्धालु यहां शीश नवाने आते हैं।


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