यूटी को नहीं सताएगी पानी की किल्लत

शहर को आने वाले अतिरिक्त पेयजल की तैयारियां पूरी, फाइनल टेस्टिंग ट्रायल शुरू

चंडीगढ़ – नगर निगम चंडीगढ़ की तरफ  से शहर को आने वाले अतिरिक्त पेयजल की सभी तैयारियां लगभग पूरी होने वाली हैं। फाइनल टेस्टिंग ट्रायल का काम भी गमाडा द्वारा शुरू किया जा चुका है। इस दौरान जो भी लीकेज या कमियां होंगी। उन्हें ठीक किया जाएगा, ताकि 14 अप्रैल से शुरू होने वाले साफ पानी की सप्लाई में कोई विघ्न न आने पाए। बता दें कि चंडीगढ़ के लिए अभी कुल 85 एमजीडी जलापूर्ति हो रही है। काबिले गौर हो कि विगत नौ फरवरी को वर्तमान मेयर राजेश कालिया ने मीडिया कर्मियों को कजौली वाटर वर्क्स का विजिट कराया था। उस दौरान टीम के साथ रहे तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया था कि आगामी 2020 तक इस महती योजना के पूर्ण होने पर आने वाले 100 वर्षों तक शहर में पीने के पानी की किल्लत नहीं रहने पाएगी। इसमें कजौली से 58 एमजीडी पानी आ रहा है। इसके अलावा ट्यूबवेलों जरिए 27 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है। गर्मी के सीजन में शहर के अंदर 110 से 115 एमजीडी पानी की मांग होती है। ऐसे में 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी आने से चंडीगढ़ में पीने के पानी का संकट दूर हो जाएगा। इसके अलावा अब गर्मी के सीजन में शहर के अंदर 110 से 115 एमजीडी पानी की मांग होती है। ऐसे में 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी आने से चंडीगढ़ में पीने के पानी का संकट दूर हो जाएगा। इसके अलावा अब मोहाली के हिस्से का भी पांच एमजीडी पानी चंडीगढ़ में आएगा, क्योंकि मोहाली में अभी तक इसके लिए तैयारियां नहीं हो पाई हैं। फिलहाल जब तक उनके काम होंगे, तब तक उनके हिस्से का पानी भी चंडीगढ़ को मिलेगा। गमाडा की ओर से ओके रिपोर्ट आने पर कजौली से सेक्टर-39 के वाटर वर्क्स में पानी आना शुरू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि विगत पहली अप्रैल के पुराने इंटेक से नए इंटेक चैंबर के जोड़ने के बाद गमाडा ने ट्रायल शुरू कर दिया है। कजौली में लगे सभी पंपिंग मोटरों की जांच पड़ताल की जा रही है। पाइप लाइन की भी जांच पड़ताल चल रही है। कजौली से जंडपुर और जंडपुर से चंडीगढ़ की दूरी लगभग 27 किलोमीटर है। इसके अलावा जंडपुर से चंडीगढ़ सेक्टर-39 वाटर वर्क्स की दूरी भी छह किलोमीटर के लगभग है। इसके अलावा कजौली से लेकर जंडपुर तक गमाडा द्वारा पाइप लाइन बिछाई गई है।