श्रीलंका विस्फोट के नौ गुनहगार

By: Apr 25th, 2019 12:03 am

रक्षा राज्यमंत्री बोले; आत्मघाती हमलावरों में एक महिला भी, प्रधानमंत्री ने जताई और हमलों की आशंका

कोलंबो – श्रीलंका सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम देने वाले नौ आत्मघाती हमलावरों में एक महिला भी शामिल है। श्रीलंका के रक्षा राज्यमंत्री दीनेंद्र रुवन विजेवार्डीन ने बुधवार को मीडिया को यह जानकारी दी। इस बीच, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि आतंकवादी और हमले कर सकते हैं और भारतीय दूतावास भी इसकी जद में हो सकता है। श्री विजेवार्डीन के इस बयान से पहले पुलिस ने पुष्टि की थी कि हमले में नौ आत्मघाती हमलावर शामिल थे , जिनमें  से आठ की पहचान कर ली गई है। रिपोर्ट के अनुसार यह भी खुलासा हुआ है कि एक हमलावर ने ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया में पढ़ाई की है। श्रीलंका में रविवार को ईस्टर दिवस पर गिरजाघरों और होटलों को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोटों में अब तक कम से कम 359 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 39 विदेशी शामिल हैं। पुलिस ने लगातार तलाश अभियान चलाकर 18 और लोगों को हिरासत में लिया है और करीब 60 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिनमें एक सीरियाई नागरिक भी था। सूत्रों के मुताबिक श्रीलंका में सभी जगहों पर तलाश अभियान चल रहे हैं और मुस्लिमबहुल इलाकों की सख्ती से जांच की जा रही है। इस बीच, पुलिस ने बताया कि बुधवार को राजधानी कोलंबो में मशहूर सेवॉय सिनेमा हॉल के समीप संदिग्ध मोटरस्कूटर बरामद किया गया, हालांकि उसमें कोई विस्फोटक नहीं था।

संदिग्ध पार्सल नष्ट

काटुवाना (श्रीलंका)। श्रीलंका के सुरक्षाबलों ने यहां के एक रेस्तरां में पाए गए संदिग्ध पार्सल को नियंत्रित तरीके से नष्ट करने में सफलता हासिल की है। मीडिया ने बुधवार को पुलिस के हवाले से यह रिपोर्ट दी। रिपोर्ट के अनुसार रेस्तरां के कर्मचारी ने संदिग्ध पार्सल के बारे में पुलिस को सूचना दी थी।

सीरियल धमाकों के बाद मुस्लिमों में दहशत

घर से निकलने में डर; कहा, हम किसी के दुश्मन नहीं

कोलंबो – श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद से मोहम्मद हसन घर के बाहर नहीं निकले हैं। उन्हें डर है कि बम धमाकों के बाद से देश में तनाव का माहौल है और उन पर मुस्लिम होने की वजह से हमला बोला जा सकता है। 41 वर्षीय हसन एक प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करते हैं, लेकिन उनका परिवार उनसे घर पर ही रहने को कह रहा है। डेमाटागोडा स्थित जुम्मा मस्जिद में नमाज के लिए आए हसन ने कहा कि मेरे परिवार को डर लगता है कि यदि मैं बाहर निकला तो पता नहीं वापस लौट भी पाऊं या नहीं। मुस्लिम समुदाय के आरएफ अमीर ने कहा कि हम सुरक्षा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम बेहद डरे हुए हैं, क्योंकि कोई भी हमें टोपी में देखता है तो वह अपना दुश्मन समझता है। हम हर किसी को यह बताना चाहते हैं कि आपके दुश्मन हम नहीं हैं। यह हमारी भी मातृभूमि है। इन धमाकों से श्रीलंका में दहशत का माहौल है और मुस्लिम समूहों ने भी इनकी निंदा की है, लेकिन समुदाय का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है, जो अब भी डरा हुआ महसूस कर रहा है। 60 वर्षीय जरीना बेगम कहती है कि ईस्टर के बाद से ही वह सो नहीं पा रही हैं। वह कहती हैं कि मुझे पता है कि लोग मुसलमानों से बेहद गुस्सा हैं। हमलों से गमजदा बेगम कहती हैं कि आतंकियों ने मांओं की बाहों में खेल रहे बच्चों को भी नहीं बख्शा। मैं इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकती कि उन लोगों के दिमाग में इतनी नफरत पनप रही थी। नफरत का अंत कभी भी नफरत से नहीं किया जा सकता। वह कहती हैं कि इन हमलों के नतीजों को लेकर हम डरे हुए हैं और घरों से बाहर निकलने की भी हिम्मत नहीं होती।

बुर्के पर बैन लगाने की तैयारी

हमलों के बाद श्रीलंका ने बुर्के पर प्रतिबंध की योजना पर अमल की तैयारी शुरू कर दी है। जांच के संदिग्धों और अन्य सबूतों से हमले में बड़ी संख्या में महिलाओं के शामिल होने के संकेत मिले हैं। सरकार मस्जिद अधिकारियों से विचार-विमर्श करके इस कदम को लागू करने की योजना बना रही है। कई मंत्रियों ने इस मामले पर राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना से बात की। ऐसा पाया गया कि 1990 की शुरुआत में खाड़ी युद्ध तक श्रीलंका में मुस्लिम महिलाओं की पारंपरिक वेशभूषा में बुर्का और नकाब कभी शामिल नहीं रहे। खाड़ी युद्ध के समय चरमपंथी तत्त्वों ने मुस्लिम महिलाओं के लिए पर्दा शुरू किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा सूत्रों ने बताया कि डेमाटागोडा में घटनाओं में शामिल रही कई महिलाएं भी बुर्का पहनकर भाग गईं।

पुलिस प्रमुख, रक्षा सचिव से मांगा इस्तीफा

श्रीलंका में गंभीर सुरक्षा चूक के परिणाम स्वरूप हुए आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने देश के पुलिस प्रमुख पुजिथ जयसुंदर और रक्षा सचिव हमासीरी फर्नांडो को इस्तीफा देने को कह दिया है। राष्ट्रपति के एक करीबी अधिकारी ने बुधवार को बताया कि श्री सिरीसेना ने एक बैठक के दौरान रक्षा सचिव को अपना निर्णय बताया और इसके बाद पुलिस प्रमुख को भी इस इस बारे में सूचित कर दिया गया। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने मंगलवार शाम देश को अपने संबोधन में कहा था कि रविवार के आतंकवादी हमले को रोकने में नाकाम रहने के मद्देनजर वह अगले 24 घंटों के अंदर सुरक्षाबलों के प्रमुखों को बदल सकते हैं। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने कहा कि वह आगामी सप्ताहों में पुलिस और सुरक्षा बलों का पूरी तरह से पुनर्गठन भी करेंगे। उनका कहना था कि रक्षा अधिकारियों की तरफ से चूक हुई है।


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