सफलता के लिए संयम रखें

By: Apr 10th, 2019 12:07 am

दंत चिकित्सा में करियर संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने नितिन सरोच से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश..

डा. नितिन सरोच, एमडीएस पेरियोडोंटिक्स विभाग एमएन, डीएवी डेंटल कालेज, सोलन

दंत चिकित्सा का करियर के लिहाज से क्या स्कोप है?

दंत चिकित्सा का करियर के लिहाज से काफी अच्छा स्कोप है। इस फील्ड में सबसे ज्यादा स्कोप दंत चिकित्सालय खोलने का है या फिर आगे किसी भी श्रेणी में उपयुक्त शिक्षा प्राप्त करके भी सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है।

इस क्षेत्र में करियर के लिए आरंभिक शिक्षा किन विषयों में जरूरी है?

दसवीं के बाद  जमा एक में बायो फिजिक्स व केमिस्ट्री विषय के साथ पढ़ाई करनी होती है। उसके बाद ही इस क्षेत्र में आप आगे की पढ़ाई कर सकते हैं।

चयन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें? 

हमें इस क्षेत्र में दाखिला पाने के लिए एक एंट्रेंस परीक्षा देनी होती है, जिसके पूर्ण होने के बाद मैरिट लिस्ट बनाई जाती है, उसके उपरांत मैरिट में आए बच्चों को कालेज में दाखिला दिया जाता है।

दंत चिकित्सा के क्षेत्र में कौन सी स्पेशलाइजेशन की जा सकती है?

युवा इसमें एमडीएस कर सकते हैं। स्पेशलाइजेशन के लिए किसी भी एक विषय को ध्यान में रख कर जैसे कि आर्थोडोेंटिस, कॉस्वरवेटिस, कंर्जेवेटिव डेंटिस्ट्री, ओरल सर्जरी, ओरल मेडिसन और रेडियोलॉजी, पेडोडोंटिक्स, पेरियोडोंटिक्स, पब्लिक हैल्थ डेंटिस्ट्री, प्रोस्थोडोंटिक्स जैसे विषयों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं, जो कि आज के समय में बहुत लाभदायक है।

आरंभिक आय इस क्षेत्र में कितनी होती है?

दंत चिकित्सा में बीडीएस डिग्री के बाद निजी एवं सरकारी दोनों क्षेत्रों में काम किया जा सकता है। निजी क्षेत्र में नौकरी करने पर आरंभिक आय 30 से 40 हजार तक होती है। सरकारी क्षेत्र में अगर नौकरी की जाए तो आरंभिक आय 50  हजार के लगभग होती है। यदि बीडीएस के बाद एमडीएस की जाए तो इस क्षेत्र में आय और ज्यादा होती है।

रोजगार के अवसर किन क्षेत्रों में उपलब्ध हैं?

दंत चिकित्सा की पढ़ाई करने के बाद इस क्षेत्र में कई तरह के रोजगार मिल सकते हैं, जिसमें सरकारी नौकरी है, निजी क्लीनिकों में काम भी सबसे अच्छा है। अपना दंत चिकित्सा क्लीनिक खोल कर युवा अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।

हिमाचल में दंत चिकित्सा से संबंधी प्रमुख संस्थान कौन-कौन से हैं?

हिमाचल में दंत चिकित्सा के पांच संस्थान हैं, जिसमें शिमला में सरकारी डेंटल कालेज, सोलन में एमएन डीएवी डेंटल कालेज, सुंदरनगर में हिमाचल डेंटल कालेज, बद्दी में भोजिया डेंटल कालेज व पांवटा साहिब में हिमाचल इंस्टीच्यूट ऑफ डेंटल कालेज से शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।

इस करियर को अपनाने वाले युवाओं को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? 

इस क्षेत्र में आने वाले युवाओं को आने से पहले व इस क्षेत्र में पढ़ाई करने के दौरान काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। दंत चिकित्सा की डिग्री पांच वर्ष की होती है, जिसमें मेडिकल एवं डेंटल विषयों की पढ़ाई के अलावा मरीजों का इलाज करना भी सिखाया जाता है। युवा मेहनत, ईमानदारी के साथ यदि अपनी पढ़ाई एवं प्रैक्टिकल कार्य करें तो अच्छी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। 

जो युवा इस फील्ड में पदार्पण करना चाहते हैं, उनके लिए कोई प्रेरणा संदेश दें?

जो युवा इस फील्ड में पदार्पण करना चाहते हैं,  उनके लिए संदेश है कि इस क्षेत्र में मेहनत व लगन से पढ़ाई करके अच्छा मुकाम हासिल करें।

— मुकेश कुमार, सोलन


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