स्वां पर बना पुल खतरे में

बणे दी हट्टी के पास राष्ट्रीय मार्ग पर अवेटमेंट दरकी, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

गगरेट -हिमाचल के कई जिलों की लाइफलाइन कहा जाने वाला होशियारपुर-मंडी राष्ट्रीय मार्ग नंबर-तीन वाहनों की आवाजाही के लिए कभी भी बंद हो सकता है। इस राष्ट्रीय मार्ग के गगरेट-मुबारकपुर सड़क मार्ग खंड पर बणे दी हट्टी के समीप स्वां नदी पर बने पुल की बाई तरफ की अवेटमेंट दरक गई है। इसके चलते पुल की स्लैब में भी दरारें आनी शुरू हो गई हैं। समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो यहां कोई बड़ा हादसा भी घट सकता है। हिमाचल प्रदेश के पुनर्गठन से पहले जब जिला ऊना पंजाब के होशियारपुर जिला की तहसील हुआ करता था, उस समय बणे दी हट्टी के समीप स्वां नदी पर इस पुल का निर्माण हुआ था। उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों ने वर्ष 1963-64 में इस पुल का उद्घाटन किया था। यह पुल प्रदेश के कई जिलों के लिए इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि इसी मार्ग से होते हुए पंजाब से कई रोजमर्रा की वस्तुओं की प्रदेश के विभिन्न जिलों में आपूर्ति होती है तो कुल्लू से सब्जी लेकर असंख्य ट्रक इसी सड़क मार्ग से पंजाब की सब्जी मंडियों तक पहुंचते हैं। यहीं नहीं बल्कि हिमाचल दर्शन करने के लिए आने वाले पर्यटकों के साथ मां चिंतपूर्णी, मां ज्वालाजी, मां ब्रिजेश्वरी देवी व चामुंडा देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के हजारों वाहन रोजाना इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं, लेकिन अब इस पुल की बाई तरफ की अवेटमेंट बुरी तरह से दरक गई है और पुल का एक बीम भी काफी हद तक हवा में झूलता दिख रहा है। इसके साथ ही पुल की स्लैब में भी अब दरारें आना शुरू हो गई हैं। ऐसे में यह पुल कभी भी धराशयी हो सकता है। हालांकि यह सड़क मार्ग जिले के अति व्यस्त सड़क मार्गों में शुमार है और अगर कहीं यह पुल अचानक गिरा तो ये किसी बड़े हादसे को भी निमंत्रण दे सकता है। बणे दी हट्टी के ही स्थानीय व्यक्ति अमरजीत सिंह की सबसे पहले इस पर नजर पड़ी और उसने बड़े हादसे की आशंका भांपते हुए इस मामले में आवाज उठाई। उधर, राष्ट्रीय मार्ग विंग के अधिशाषी अभियंता जगदीश कानगो का कहना है कि उन्हें मीडिया के माध्यम से ही इसकी जानकारी मिली है। वह खुद मौका पर जाएंगे और समय रहते जरूरी कदम उठाएंगे।