हुरला में बीठ के फूलों के लिए खींचतान

By: Apr 18th, 2019 12:05 am

भुंतर—जिला कुल्लू के हुरला में देवता मार्कंडेय ऋषि को समर्पित बीठ उत्सव धूमधाम और दैविक रीति -रिवाजों के अनुसार बुधवार को मनाया गया। सैकड़ों कारकूनों और हारियानों ने इस मौके पर हुरला के साथ लगती पहाड़ी पर भारी बारिश के बीच कई घटों की पैदल यात्रा के बाद बुरांस के फूलों को एकत्रित कर बीठ को तैयार कर हुरला में देर शाम को पहुंचाया, तो इसके बाद बीठ के फूलों को पाने के लिए हुई खींचतान देखने लायक थी। घाटी के देवताओं ने इस दौरान हारियानों को आशीर्वाद दिया तो साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियां भी इस दौरान यहां पर करवाई गईं। श्रेष्ठ मास माने जाने वाले बैसाख में घाटी के देवता अपनी दैविक शक्तियों को अर्जित करने के लिए पहाड़ों पर अपने दैविक स्थलों पर जाते हैं और देवशक्तियों को अर्जित करते हैं। इसके अलावा दैविक शक्तियों के जरिए देवता अपने हारियान क्षेत्र को एक साल तक ओलों और अतिवृष्टि के कहर से भी बचाते हैं। मकराहड़ में देव दरबार में बुधवार सुबह हारियान देवाशीष लेने के लिए जुटे। इसके बाद ढोल-नगाड़ों की थाप पर कारकून करीब दस किलोमीटर ऊंची पहाड़ी पर पहुंचे। यहां पर कारकूनों ने जोगनी पूजन की प्रक्रिया को पूरा किया, तो इसके बाद बुरांस के फूलों का देवता, जिसे बीठ कहा जाता है, उसे तैयार किया गया। इसे कारकूनों द्वारा सिर पर उठाकर हुरला में देवता के मंदिर में पहुंचाया गया। हुरला में बीठ के पहंुचने पर जोरदार स्वागत कारकूनों द्वारा किया गया। मंदिर में लाने के बाद बीठ के साथ देवताओं और देवलुओं ने अढ़ाई बार परिक्रमा की। इसके बाद दो गुटों में बंटे कारकूनों और हारियानों में बीठ के फूलों को प्राप्त करने के लिए खींचतान आरंभ हो गई।  दोनों गुटों में इसके लिए कशमकश हुई और बुरांस के फूलों को देवता के शेष के तौर पर हारियानों ने एकत्रित किया। उक्त खींचतान दैविक उत्सव में आकर्षण का भी केंद्र रही। बताया जाता है कि उक्त फूलों को जो भी प्राप्त करता है, वह भाग्यशाली होता है और उसकी मनोकामना भी पूरी होती है। देवता मार्कंडेय ऋषि के कारदार जीवन प्रकाश, देवता वीरनाथ के कारदार धनवीर सिंह, पुजारी श्याम लाल और करकूनों टहल सिंह राणा, तेजा सिंह पाल, चेतन पाल, पृथी पाल, राजेंद्र सिंह पाल, सुरजीत आदि ने बताया कि उक्त मेला हर साल घाटी में धूमधाम से मनाया जाता है और देवता अपनी शक्तियों को अर्जित करने पहाड़ों पर जाता है।


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