19 उद्योगों की दवाइयां घटिया

सीडीएससीओ मानकों पर खरा नहीं उतरी प्रदेश की फार्मा कंपनियों में बनी मेडिसिन

बीबीएन —केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के 19 दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरा नही उतर पाई हैं। इसके अलावा देश के अन्य राज्यों के उद्योगों में निर्मित 31 तरह की अन्य दवांए भी सब-स्टैंडर्ड पाई गई हैं। राज्य दवा नियंत्रक ने सीडीएससीओ के निर्देंशों के अनुरूप दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सबंधित दवाओं का पूरा बैच बाजार से हटाने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा सबंधित क्षेत्र के सहायक दवा नियंत्रकों व दवा निरीक्षकों को ड्रग अलर्ट में शामिल उद्योगों का दौरा कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सीडीएससीओं के मार्च माह के ड्रग अलर्ट में देश के विभिन्न राज्यों निर्मित 50  तरह की दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरा नही उतर सकी है। इस अर्लट में प्रदेश के परवाणू काला अंब, बद्दी, झाड़माजरी, बरोटीवाला,पावंटा साहिब,नालागढ़  संसारपुर टैरेस स्थित 19 उद्योंगों में निर्मित दवाओं के अलावा गुजरात,असम, दिल्ली, हरियाणा, जे एंड के , पंजाब, मुंबई, उत्तराखंड के 41 उद्योगों में निर्मित दवाओं के सब-स्टैंडर्ड  होने का खुलासा हुआ है।  दवाइयों के यह सैंपल सीडीएससीओ के हिमाचल, मुंबई, अहमदाबाद ,कोलकाता, हैदराबाद, असम, नागालैंड द्वारा लिए गए थे, जिनकी मुंबई, गुवाहाटी, कोलकाता व चंडीगढ़ की प्रयोगशालाओ में जांच करवाई गई । जांच के दौरान इन दवाओं के सब-स्टैंडर्ड  होने का खुलासा हुआ। उधर, इस बाबत राज्य दवा नियंत्रक वनीत मारवाहा ने बताया कि प्रदेश में निर्मित जिन  दवाओ के सैंपल सब-स्टैंडर्ड  पाए गए हैं, उन कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए बाजार से इन दवाओं का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी किए गए है।  इसके अलावा प्राधिकरण का एनएसक्यू सैल भी अलग से इन उद्योगों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सोंपैंगा। उद्योगों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।