अनेक बीमारियों को जन्म देती हैं नींद की गोलियां

अमृतसर – अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है। सात से आठ घंटे की नींद इनसान को तरोताजा कर देती है। दूसरी तरफ वर्तमान समय में काम की स्ट्रेस की वजह से 70 फीसदी लोगों की नींद उड़ चुकी है। इनमें से ज्यादातर लोग सुकून की नींद पाने के लिए नींद की गोलियों का सेवन कर रहे हैं। यह जानकारी विश्व प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डा. हरजोत सिंह मक्कड़ ने दी। उन्होंने बताया कि नींद की गोलियां इनसान के दिमाग की गतिविधियों पर प्रभाव डालती हैं। लगातार नींद की गोली खाने से इनसान इसका आदी बन जाता है और फिर शरीर पर दवा का असर कम होने लगता है। यही कारण है कि लोग दवा की डोज बढ़ा देते हैं। नींद की गोलियां नेचुरल तरीके से नीद नहीं लातीं। इनके लगातार सेवन से शरीर एवं मन पर बुरा असर पड़ता है, जिससे कई भयंकर रोग उत्पन्न होने लगते हैं। डा. मक्कड़ ने कहा कि नींद की दवाओं के सेवन से दिल के दौरे का खतरा 20 प्रतिशत बढ़ जाता है। नींद की दवाओं में मौजूद तत्व जोपिडेम दिल की बीमारियों की वजह माना गया है। गर्भवती महिलाएं यदि नींद की दवा का सेवन करती हैं, तो इसका असर उसकी कोख में पल रहे शिशु पर पड़ता है। बच्चे के अंग भी विकृत हो सकते हैं। डा. मक्कड़ के अनुसार लंबे समय तक नींद की गोलियां लेने के कारण रक्त नलिकाओं में थक्के बन जाते हैं, याददाश्त कमजोर हो जाती है और बेचैनी की शिकायत आम हो जाती है। नींद की गोलियां स्नायु तंत्र यानी लिंगामेंट को बुरी तरह नुकसान पहुंचाती हैं। एक शोध के मुताबिक, यह बात भी सामने आई है कि जो लोग रोजाना इसी गोली पर निर्भर रहते हैं। उन्हें कैंसर का भी खतरा होता है। इन गोलियों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं्र जिनका रोजाना सेवन नहीं करना चाहिए। नींद दवाएं ब्रेन में नींद को प्रमोट करने वाले रिसेप्टर को टारगेट करती हैं, लेकिन इनसान को इसकी लत लग जाती है।