अब पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश

गगरेट—कल्पना कीजिए ऐसी नौकरी की, जिसमें न तो ड्यूटी का समय तय हो और न ही कोई वीकली ऑफ हो। न आपके पास अपने लिए समय और न ही परिवार के लिए समय। सारा दिन, पूरा सप्ताह, पूरा माह सिर्फ काम, काम और काम। ऐसे में कोई अवसाद का शिकार नहीं होगा तो और क्या होगा। जाहिर है यह अवसाद जहां आदमी को चिड़चिड़ा बनाता है वहीं इसका असर कई बार उसके काम पर भी देखने को मिलता है। बिना छुट्टी काम, काम और बस काम की हिमाचल पुलिस से बेहतर और क्या मिसाल हो सकती है, लेकिन पुलिस जवान भी अपने परिवार को समय दे सकें और बिना अवसाद का शिकार हुए बेहतर काम करें इसके लिए जिला पुलिस कप्तान दिवाकर शर्मा पुलिस जवानों के लिए एक तोहफा लेकर आए हैं। जिला ऊना में कार्यरत पुलिस जवान अब सप्ताह में एक छुट्टी कर सकेंगे। इस आशय के मौखिक आदेश जिले के तमाम पुलिस थानों व पुलिस चौकियों को जारी कर दिए गए हैं। अकसर पुलिस विभाग में कार्यरत पुलिस जवानों को सप्ताह में कोई भी छुट्टी न होने की शिकायत रहती थी लेकिन अनुशासित फोर्स का हिस्सा होने के कारण वह अपना पीड़ा जाहिर भी नहीं कर सकते थे। हालांकि दिल्ली पुलिस में कार्यरत पुलिस जवानों के दिन में काम करने के घंटे निश्चित हैं और उन्हें सप्ताह में वीकली ऑफ भी मिलता है, लेकिन हिमाचल पुलिस में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इतना जरूर है कि चौबीस घंटे मशीन की तरह काम करने वाले इन जवानों को साल में एक बार एक माह का अतिरिक्त वेतन जरूर मिलता है। डाक्टर भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि बिना विश्राम लिए लगातार काम करना सेहत पर असर डाल सकता है और यह अवसाद का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। उधर, जिला पुलिस कप्तान दिवाकर शर्मा का कहना है कि लगातार काम से पुलिस जवान अवसाद के शिकार न हों, इसलिए पुलिस थानों में तैनात पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश देने की योजना बनाई है, ताकि वे अपने परिवार को समय दे सकें और अवसाद के कारण उनके काम पर इसका असर न दिखे।