आईटी पार्क को जमीन की तलाश

By: May 12th, 2019 12:01 am

प्रदेश में इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने खुद तैयार की पॉलिसी, इंडस्ट्री को भी मिलेेंगे विशेष तोहफे

शिमला – हिमाचल प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी नए आयाम छूने की तैयारी कर रहा है। राज्य में आईटी सेक्टर में बड़ी कंपनियों का निवेश संभावित है, सिर्फ उनकी मुश्किलों को हल करना जरूरी है। इस पर सरकार ने गंभीरता से विचार किया है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश की पहली आईटी पॉलिसी तैयार कर ली गई है। सूत्रों के अनुसार आईटी पॉलिसी पर मुख्य सचिव से भी चर्चा हो चुकी है। खुद आईटी डिपार्टमेंट ने यह पॉलिसी बनाई है, जिसमें प्रदेश में आईटी पार्क स्थापित करने की योजना है। यहां केंद्र सरकार की सहायता से शिमला के मल्याणा और गगल में काम चल रहा है, लेकिन सरकार अपने स्तर पर आईटी पार्क स्थापित करने की सोच रही है। इसे लेकर सरकार ने बजट में भी घोषणा कर रखी है। यहां पर आईटी पार्क बनाने के लिए वाकनाघाट को भी देखा गया है। हालांकि सालों पहले से इसकी योजना है, मगर जिस तरह से सरकार ने आईटी के लिए अलग से पॉलिसी बनाई है, तो इसमें निवेश के लिए वाकनाघाट जैसे स्थलों पर काम भी शुरू हो जाएगा। प्रदेश सरकार आईटी में निवेश करने वाली कंपनियों को विशेष रियायतें देगी, जिन्हें यहां पर आसानी से जमीन दे दी जाएगी, वहीं इस जमीन पर भी कुछ रियायतें होंगी। यहां पर निजी कंपनियों को ही आईटी पार्क स्थापित करने के लिए बुलाया जाएगा और नए इंसेंटिव दिए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार चुनाव के बाद आईटी पॉलिसी कैबिनेट को जाएगी। वहीं हिमाचल के कई बेरोजगार युवा आईटी के क्षेत्र में छोटे-छोटे उद्योग धंधे स्थापित करना चाहते हैं, जिनके लिए भी पॉलिसी में नई रियायतों को शुमार किया जाएगा। कई विदेशी कंपनियों से भी इस संबंध में बातचीत हुई है। जल्द ही प्रदेश सरकार कई देशों में जाकर निवेश लाने को प्रयास करेगी और उसमें आईटी कंपनियों की संख्या अधिक रहने की उम्मीद है। सरकार बीबीएन एरिया के साथ शिमला, मंडी, बिलासपुर व कांगड़ा में आईटी पार्क के लिए जगह देख रही है।

निवेश को विदेशी कंपनियों की हां

कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद यहां पर चिन्हित स्थानों को आईटी पार्क के रूप में घोषित कर दिया जाएगा। अधिकारियों के साथ चर्चा में कई विदेशी कंपनियों ने आईटी के क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई है। इस निवेश की यहां पर बड़ी संभावना देखी गई है, जिसे ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने आईटी पॉलिसी बनाने की सोची थी, जिसे तैयार कर लिया गया है। इसमें बैंकों से भी ऋण के रूप में विशेष सहायता प्रदान करने की सोची गई है और ऋण की गारंटी के रूप में भी सरकार मदद करेगी।


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