आईपीएच जेई को जमानत

हमीरपुर—आईपीएच विभाग हमीरपुर के तहत अनुभाग लंबलू की भारी भलेड़ा उठाऊ पेयजल योजना के वायरिंग घोटाले में फंसी सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की जेई को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। हमीरपुर कोर्ट से अग्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद जेई  हाई कोर्ट की शरण मे पहुंची। यहां से उन्हें 21 जून तक जमानत मिली है। माननीय न्यायधीश सुरेश्वर ठाकुर की अदालत ने जेई की अग्रिम जमानत की याचिका को मंजूर किया है। गौरतलब है कि आईपीएच विभाग की भारी भलेड़ा उठाऊ पेयजल योजना के वायरिंग कार्य के लिए टेंडर प्रक्त्रिया वर्ष 2014 में अपनाई गई। इसी वर्ष लंबलू वाटरहेड टैंक की वायरिंग के लिए टेंडर प्रक्त्रिया हुई। भारी भलेड़ा स्कीम की वायरिंग के लिए एक लाख तीन हजार रुपए का टेंडर लगाया गया। वहीं, लंबलू वाटर हैड टैंक की वायरिंग के लिए भी करीब 25 हजार का टेंडर लगा। दोनों ही उठाऊ पेयजल योजनाओं में वायरिंग कार्य नियमानुसार नहीं किए गए। कार्यों में हजारों रुपए की गड़बड़ी की शिकायत डुगली पंचायत के ने विजिलेंस में की। विजिलेंस ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी इस बारे सूचित कर दिया। विजिलेंस व विभाग द्वारा करीब तीन साल की जांच के बाद विजिलेंस ने मामले में वषज़् 2017 में एफआईआर दर्ज कर ली। विजिलेंस में एफआईआर के उपरांत जेई ने कोर्ट की शरण ली थी। सोमवार को हमीरपुर कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद जेई गायब हो गयी। इसके बाद इसे हइकोर्ट से जमानत मिली है। हालांकि हमीरपुर कोटज़् से याचिका खारिज होने के बाद जेई ओर गिर तारी की तलवार लटक गई थी।