शिमला में कब-कब सुलगी इमारतें
साल 2014 में शिमला के एजी आफिस में ऐसी भयानक आग लग गई थी। 110 साल पुराने धरोहर भवन गॉर्टन कैसल की ऊपरी दो मंजिलें राख हो गईं थीं। साल 2015 में शिमला का ऐतिहासिक मिंटो कोर्ट आग से राख हो गया था। मिंटो कोर्ट बिल्डिंग 1904 में बनी थी। यहां महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे के केस की सुनवाई हुई थी और उसको फांसी की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले यहां स्नोडन, सेना अस्पताल, कनैडी हाउस सहित कई अन्य इमारतें राख हो गईं। यदि इसी तरह से इन इमारतों को आग से बचाने के इंतजाम नहीं किए गए तो इतिहास को संजो कर रखने वाली ये इमारतें खुद इतिहास बनकर रह जाएंगी। एतिहासिक इमारतों में एक शिमला की रेलवे बोर्ड बिल्डिंग है, जो कि आग रोधी है। इस भवन में 10 फरवरी 2001 को आग लग गई थी बावजूद यह आग से प्रभावित नहीं हुई। दरअसल इसकी सरंचना आग रोधी बनाई गई है।
20 लाख की संपत्ति आग की भेंट
ग्रैंड होटल के एक हिस्से में लगी आग से 20 लाख की संपत्ति जलकर राख हो गई है, जबकि अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने मुस्तैदी दिखाते हुए पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अग्निशमन की इस मेहनत की वजह से करोड़ों की संपत्ति स्वाह होने से बच गई।
आगजनी के कारणों का नहीं लगा पता
ऐतिहासिक भवन में रविवार देर रात्रि को आग लगने के क्या कारण रहे, इसका अभी तक पता नहीं लग पाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी छानबीन शुरू कर दी है। वहीं, जिला प्रशासन ने भी आगजनी के कारणों का पता लगाने के लिए टीम का गठन कर दिया है।
होमगार्ड ने दी अग्निकांड की सूचना
ग्रैंड होटल में लगी आग के कारणों का हालांकि अभी तक पता नहीं चला है। जानकारी के अनुसार रात की गश्त पर होमगार्ड कर्मी ने 12ः45 बजे अग्निशमन को होटल में आग लगने की सूचना दी थी। हैरानी इस बात की है कि ग्रैंड होटल कर्मियों को इस आगजनी की भनक तक नहीं लगी। सूचना मिलने के बाद अग्निशमन कर्मी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। सुबह भी अभी जली हुई बिल्डिंग से धुआं व हल्की लपटे उठती नजर आईं।