एपीएमसी अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट

By: May 2nd, 2019 12:15 am

धर्मशाला    – कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) कांगड़ा के गड़बड़झाले में कृषि निदेशालय ने आखिर चार्जशीट तैयार कर दी है। विभाग ने चार्जशीट तैयार करने के बाद अब इसकी फाइनल जांच का जिम्मा कृषि विभाग शिमला के उपनिदेशक को सौंपा है। दरअसल यह मामला वर्ष 2017 में सामने आया था, लेकिन एग्रीकल्चर प्रोडक्शन मार्केट कमेटी कांगड़ा का मामला शायद ही सार्वजनिक हो पाता, यदि ‘दिव्य हिमाचल’ इस मामले को प्रमुखता से न उठाता।  इस मामले को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट राज ठाकुर, अशोक महाजन और दुकानदार पवन कुमार ने पहले विजिलेंस में भी शिकायत की थी। हालांकि विजिलेंस की ओर से इस मामले में जांच-पड़ताल की गई और एपीएमसी में गड़बडियां होने का हवाला दिया था। विजिलेंस ने संबंधित विभाग से इन गड़बडियों के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की भी सिफारिश की थी। बाबजूद इसके लंबे अरसे तक मामला ठंडे बस्ते में ही पड़ा रहा। अब भले ही देरी के साथ इस मामले में कृषि निदेशालय की ओर से बड़ी कार्रवाई करते हुए चार्जशीट तैयार कर ली है, लेकिन पीडि़तों को इनसाफ के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी है। इतना ही नहीं, पीडि़त कारोबारी इस मसले को लेकर हाई कोर्ट में जाने की भी तैयारी कर चुके थे, लेकिन निदेशालय की ओर से ऐन वक्त पर लिए गए इस अहम फैसले से कहीं न कहीं पीडि़तों को न्याय की आस बंधी है।  ैउधर, कृषि विभाग के निदेशक देशराज शर्मा का कहना है कि आरोपी अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट तैयार हो गई है और फाइनल इंक्वायरी का जिम्मा उपनिदेशक शिमला को दिया गया है। विभाग इस मामले से जुड़े हर पहलू को बारीकी से खंगाल रहा है।

क्या है मामला

एपीएमसी कांगड़ा में बूथों और दुकानों की अलॉटमेंट में कुछ व्यापारियों ने धांधली  होने की आशंका जाहिर की थी और विजिलेंस में शिकायत दर्ज करवाई थी। उसके बाद से यह मामला लगातार सुर्खियों में रहा। इस मामले में विभागीय स्तर पर कई स्तर पर जांच भी हो चुकी हैं।


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