ऐसा गोद लिया…घुटनों के बल चलना भी छूटा

By: May 6th, 2019 12:02 am

कसौली विधानसभा क्षेत्र की जगजीतनगर पंचायत को आदर्श न बना पाए सांसद

 कसौली —हिमाचल के कसौली विधानसभा क्षेत्र की जगजीतनगर पंचायत सांसद आदर्श ग्राम पंचायत योजना से जुड़ने के बावजूद अन्य पंचायतों के लिए आदर्श नहीं बन पाई। वर्ष 2015-16 में शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद वीरेंद्र कश्यप द्वारा 16 गांव व 2200 लोगों की आबादी वाली इस पंचायत को विकसित करने के लिए गोद लिया गया था। दो साल की इस अवधि में जहां पंचायत में विकास को शीर्ष पर होना था, वहीं यह विकास सांसद निधि से केवल 15.65 लाख रुपए तक ही सीमित रह गया। इसके बाद लोगों में एक कहावत जरूर मशहूर हो गई कि सांसद ने पंचायत को कुछ ऐसा गोद लिया कि अब जगजीतनगर पंचायत घुटनों के बल चलने से भी गई। लोगों में आक्रोश है कि सांसद से जब क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए फंड की मांग की गई, तो पैसा न होने की बात लोगों से कही गई। सांसद क्षेत्र के कार्यक्रम में आकर भी बिन घोषणाओं के वापस लौटते रहे। क्षेत्र की जनता के दिलों में यह योजना विशेष प्रभाव छोड़ने की जगह उन्हें आहत कर गई। जनता चाहती थी कि सांसद अपने करोडों के फंड का अच्छा खासा हिस्सा पंचायत में उनकी समस्याओं के समाधान में लगाते, जिससे यह पंचायत पूरे देश के लिए आदर्श बन पाती।  जगजीत नगर पंचायत के लोग आज भी अविकास व असुविधा को लेकर परेशानियों से जूझ रहे हैं। गांव में आज भी बस रूटों की कमी के कारण लोग सफर नहीं कर पा रहे। पानी आज भी लोगों की जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहा, जबकि यहां के लोगों का कहना है कि उन्हें रोज पानी की सुविधा देने जैसे वादे किए गए। पानी के हैंडपंप टूटे पड़े हैं। मुख्य सड़कों पर घटिया मैटलिंग से सड़क 15 दिन में ही खराब हो रही है। लोगों को फोर-जी नेटवर्क के जमाने में 2जी व 3जी मोबाइल के सिग्नल ढूंढने के लिए भी पहाडि़यों पर चढ़ना पड़ता है। हालांकि गांव को सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चुने जाने पर नगरवासियों में काफी खुशी की लहर थी कि अब सांसद द्वारा गांव को गोद लेने पर लोगों को आ रही समस्याएं व परेशानियां का समाधान होगा, परंतु सांसद के गांव में नाममात्र विकास हुआ ही नजर आता है। सांसद के दो वर्षों तक गोद लेने पर भी जगजीत नगर पंचायत में केवल 15.65 लाख रुपए ही एमपी फंड से खर्च हो पाए। स्थानीय नागरिक बसंत राम, परमा नंद व राजेंद्र ने कहा कि पीने का पानी पंचायत की विकराल समस्या है, जिस पर कोई ध्यान सांसद द्वारा नहीं दिया गया। स्कूल में अध्यापक के पद खाली पड़े हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई में खासा असर पड़ रहा है। सड़कों की खराब स्थिति के कारण फसलों के मंडी तक पहुंचाने में समस्या रहती है। उन्होंने कहा कि सांसद अगर गंभीरता से पंचायत के विकास में सहयोग करते, तो आज लोग कई परेशानियों से राहत महसूस करते।झ्र

साल में 50 लाख के काम

पंचायत प्रधान से लेकर आम आदमी सांसद से नाखुश है। जगजीत नगर पंचायत प्रधान हेमलता का कहना है कि उनकी अपनी मिनी संसद ही साल में 50 लाख तक के काम करवा लेती है। सांसद वीरेंद्र कश्यप से जिस विकास की उन्हें उम्मीद थी, वह उसके आसपास भी नहीं पहुंच पाया।

जैसा सोचा, वैसा न बन पाया जगजीतनगर

जगजीत नगर पंचायत को सांसद आदर्श ग्राम पंचायत योजना में लेने के बाद यहां 15.65 लाख रुपए के विभिन्न काम एमपी फंड से किए गए। सांसद वीरेंद्र कश्यप ने बताया कि पंचायत को वह जैसा आदर्श बनाना चाहते थे, नहीं बना सके। इसका एक कारण प्रदेश में कांग्रेस की सरकार का होना रहा। जिन कार्यों को राज्य सरकार के अधीन विभागों के माध्यम से होना था, उनमें कोई रुचि नहीं दिखाई गई। योजना में बजट के प्रावधान का न होना भी इन पंचायतों में विकास को नहीं बढ़ा पाया। इसके बाद भी उन्होंने जगजीत नगर पंचायत में लाखों रुपए के फंड में पक्के रास्ते, हैंडपंप, बिजली, सड़क के काम को अंजाम दिया गया। गांव में विशेष जागरूकता शिविर लगाकर लोगों के जन-धन खाते खुलवाए, बुजुर्ग व एकल महिलाओं को पेंशन लगाई गई, परिवार का हैल्थ कार्ड व पशुओं के हैल्थ कार्ड बनवाए गए।

केंद्र की योजना मात्र दिखावा

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रमेश चौहान ने कहा कि मोदी सरकार की यह योजना दिखावा बनकर रह गई। जगजीत नगर पंचायत में सांसद कोई विकास नहीं करवा सके। इस पंचायत से अधिक अन्य पंचायतों ने अपने बूते ही विकास को आगे बढ़ा लिया। क्षेत्र में आज भी सड़कें टूटी हुई हैं। स्ट्रीट लाइट कही नहीं लगी, फोन नेटवर्क को आज भी लोग पहाडि़यों पर भागते हैं। योजना को बिना बजट के केवल नाम के लिए ही चलाया गया।


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