करछम के आगे का गांव रिब्बा कहलाता है

By: May 22nd, 2019 12:05 am

सतलुज की दाईं तरफ से मिलने वाली उक्त खड्डों के मूल स्रोत किन्नर  कैलाश के विभिन्न क्षेत्र हैं क्योंकि मूरंग  के बाद करछम के आगे जो गांव आता है, उसे ’रिब्बा’  के नाम से जाना जाता है। रिब्बा से लेकर तङलिङ तक के क्षेत्र की चोटी ही किन्नर कैलाश  की प्रमुख चोटी मानी जाती है…

गतांक से आगे …           

सतलुज : कोरड् से आगे बढ़ने पर बाईं तरफ स्थित ‘मूरंग’ क्षेत्र में सतलुज का मिलन ‘मिरूङ खड्ड’ से होता है। यह खड्ड भारत- तिब्बत की सीमा से बनकर उत्तर-पश्चिम दिशा में बहती हुई यहां पहुंचती है। इस खड्ड की बाईं तरफ किन्नर पर्वत स्थित है मूरंग से आगे बढ़ने पर सतलुज में बाएं तट पर डुबा गारङ, चेरड गारड़, रल्दङ गारः, तःलिः गारङ और दाएं तट पर कशः गारः और  मुलगुन गारङ खड्डें मिलती हैं। सतलुज की दाईं तरफ से मिलने वाली उक्त खड्डों के मूल स्रोत किन्नर  कैलाश के विभिन्न क्षेत्र हैं क्योंकि मूरंग  के बाद करछम के आगे जो गांव आता है, उसे ’रिब्बा’  के नाम से जाना जाता है। रिब्बा से लेकर तङलिङ तक के क्षेत्र की छोटी ही किन्नर कैलाश  की प्रमुख चोटी मानी जाती है। इनमें एक प्रमुख चोटी प्रातः सूर्योदय से लेकर सांय सूर्यास्त तक विविध  रंगों में दिखती है। साथ ही  पीवरी के शीश पर स्थित एक समतल जगह पर कई फुट ऊंचा  एक खड़ा पत्थर भी है। जिसे लोग शिलिंग मानते हैं। सतलुज के दाएं तट पर इसमें मिलने वाली ‘कशङ गरङ’(खड़्ड)इसी नाम की उपत्यका के शीश से बनकर आती है। इसमें कोई स्थायी बस्ती नहीं है। किन्नौर क्षेत्र के लोगों  में यह भी मान्यता है कि इस खड्ड के शीश वाले जल क्षेत्रों में ‘गड-बल’ यानी हिम मेंढ़क भी रहते हैं और उनके शरीर से सदैव तेल निकलता रहता है, इस कारण इस खड्ड का जल बलवर्द्धक होता है।

मूलगुन खड्ड

मूलगुन खड्ड को स्थानीय लोग ‘कोयङ गारङ’ भी कहते हैं। यह पांगी नाला के नाम से भी जानी जाती है। यह मुलगुन उपत्यका के शीश से बनकर आती है। मुलगुन खड्ड की दाईं तरफ स्थित शोबाज्यङ कल्पा के आगे ‘टोन्नङ-चे’ तक का क्षेत्र साएराक के नाम से जाना जाता है। इसे होपु और  शोबाल्यङ के स्थान पर बारङ खड्ड के सतलुज में मिलने के बाद करछम में इसके  बाएं तट पर बासपा नदी इसमें मिलती है बासपा सतलुज की वह बड़ी सहायक नदी है जो किन्नौर की खूबसूरत बासपा/सांगला उपत्यका में बहती हुई यहां पहुंचती है। यह बाहरी धौलाधार पर्वत शृंखला की उत्तर-पूर्वी से निकलती है। यह उपत्यका दक्षिण- पूर्व से धौलाधार और उत्तर-पूर्व से रल्दङ कैलाश पर्वत से घिरी है। रूक्ली खड्ड पर एक लघु विद्युत परियोजना स्थापित है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App