कांग्रेस को 18 हजारी चैलेंज

धर्मशाला से सुधीर शर्मा प्रमुख चेहरा, पर भितरघात का भी खतरा

धर्मशाला    — धर्मशाला में होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा में जहां एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है, वहीं कांगे्रस के लिए भी कपूर को मिली 18 हजार की लीड को छह महीनों में ही तोड़ना आसान नहीं होगा। कांग्रेस के पास पूर्व मंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में सुधीर शर्मा बड़ा चेहरा है, लेकिन भितरघात के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस बात का खामियाजा कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में भी भुगतना पड़ चुका है। सुधीर शर्मा को धर्मशाला में चल रहे पुराने कार्यों में पिछले कुछ समय में लगी ब्रेक के कारण लाभ मिल सकता है। विकास पर ब्रेक से जो असंतोष फैला है, उसका विस चुनावों में लाभ जरूर मिल सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बैकअप को पूरा करने के लिए जून के बाद इन्वेस्टर मीट के बहाने धर्मशाला में डेरा जमाने वाले हैं।  वहीं किशन कपूर ने विधानसभा चुनावों में मिली 2800 मतों की लीड को 18 हजार मतों तक ले जाकर जो पहाड़ सी चुनौती खड़ी की है, उसे पार पाना भी आसान नहीं होगा। बाबजूद इसके सुधीर शर्मा को इस बात का लाभ जरूर मिलेगा कि जो विकास कार्य उनके समय में शुरू हुए थे, वह उनके जाने के बाद पूरे नहीं हो पाए और अभी भी अधर में ही हैं। मुख्य परियोजनाओं में युद्ध स्मारक, ट्यूलिप गार्डन, रोप-वे, आईटी पार्क, स्मार्ट सिटी सहित नगर निगम में कर्मचारियों की भर्ती से लेकर अन्य अनेकों परियोजनाएं हैं, जिनके लिए कांग्रेस सरकार के समय प्रयास शुरू हुए,  पर सत्ता परिवर्तन के साथ ही वह काम  या तो धीमे हो गए या ब्रेक लग गई। 

 भाजपा और मजबूत

केंद्र में मिले बड़े जनादेश के बाद प्रदेश सरकार और भी मजबूत हो गई है। जयराम सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले ही धर्मशाला में इन्वेस्टर मीट करवाने का ऐलान कर रखा है, जिसके चलते मुख्यमंत्री   धर्मशाला में बैठकर अपने आने वाले दिनों में यहां रोजगार व स्वरोजगार के सृजन के अलावा कई नई घोषणाएं भी कर सकते हैं।ऐसे में उपचुनाव से पहले ही धर्मशाला सत्ता का बड़ा केंद्र बन सकता है।