चामुंडा में क्या करें भक्त बेचारे…सुरक्षा कर्मी गायब…छह-छह कतारें

चामुंडा मंदिर में अव्यवस्थाओं का आलम; दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को झेलनी पड़ रहीं दिक्कतें, पुजारियों का व्यवहार भी ठीक नहीं

धर्मशाला—जिला कांगड़ा के प्रसिद्ध शक्तिपीठ चामुंडा देवी में इन दिनों अव्यवस्थाएं चर्म सीमा पर पहुंच गई हैं। मां के दरबार में दर्शनों को स्थानीय लोगों सहित देश-विदेश से भक्त आस्था के साथ पहुंचते हैं, लेकिन मंदिर परिसर में चल रही अव्यवस्थाओं के कारण भक्तों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भक्त मां के दर्शनों के लिए हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर पहंुचते हैं, लेकिन मंदिर में भक्तों के साथ हो रहा व्यवहार कहीं न कहीं उनकी आस्था व शक्तिपीठों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।  चामुंडा देवी मंदिर परिसर में रविवार को  प्रशासन की लापरवाही का ऐसा ही एक वाकया सामने आया है। छुट्टी का दिन होने के चलते रोजमर्रा से अधिक श्रद्धालु दरबार में दर्शन करने पहुंचे थे, लेकिन ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मचारी मौके पर एक भी मौजूद नहीं था। इसके चलते भक्तों को कतारों में खड़े रहने के साथ-साथ परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। मंदिर परिसर में जहां एक पुरुषों और एक महिलाओं के लिए अलग-अलग दो लाइनें लगती हैं, वहां भक्तजन छह लाइनों में मां के दर्शन करने के लिए खड़े हो गए।  मंदिर में दर्शन कर रहे भक्तों ने बताया कि स्थानीय लोगों सहित देश-विदेश से मंदिर में पहुंचने वाले भक्तों से पुजारियों का व्यवहार भी सही नहीं है। कई बार पुजारी माथा भी नहीं टेकने देते और आगे की ओर धकेल देते हैं। पुजारी तिलक कई बार ऐसे लगाते हैं, जैसे श्रद्धालुओं पर एहसान कर रहे हों।

हिमाचल की छवि हो रही खराब

मंदिर परिसर में प्रशासन की लापरवाही के कारण इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं प्रबंधन के इस रवैये और अव्यवस्थाओं से हिमाचल की छवि भी खराब हो रही है। पर्यटन की दृष्टि से भी इस रवैये से आगामी समय में प्रदेश को नुकसान पहंुच सकता है। 

वीआईपी मूवमेंट पर ही होती है व्यवस्था

श्री चामुंडा मंदिर में मात्र वीआईपी मूवमेंट पर ही व्यवस्था बनती है। सूत्रों का कहना है कि जब कोई भी वीआईपी मूवेंट होती है, तो प्रशासन सहित अन्य सभी अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। सामान्य श्रद्धालुओं के लिए तो व्यवस्थाएं रामभरोसे ही चल रही हैं।