चुनाव के बीच अर्थव्यवस्था के मोर्च पर देश को डबल झटके

देश के निर्यात की वृद्धि दर अप्रैल में चार महीने के निचले स्तर पर आ गई. अप्रैल में वस्तुओं का निर्यात पिछले साल के समान महीने की तुलना में 0.64 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 26 अरब डॉलर रहा, इससे व्यापार घाटा भी पांच महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गया.आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इसी माह आयात 4.5 प्रतिशत बढ़कर 41.4 अरब डॉलर रहा, यह आयात में छह माह की सबसे अधिक वृद्धि है. समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल और सोने का आयात बढ़ा है जिससे कुल आयात में वृद्धि हुई है.आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में व्यापार घाटा यानी निर्यात और आयात का अंतर बढ़कर 15.33 अरब डॉलर हो गया. अप्रैल, 2018 में यह 13.72 अरब डॉलर था, यह नवंबर, 2018 के बाद व्यापार घाटे का सबसे ऊंचा स्तर है.देश से वस्तुओं के निर्यात में कमी इंजीनियरिंग, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा, कालीन, प्लास्टिक, समुद्री उत्पाद, चावल और कॉफी जैसे क्षेत्र में नकारात्मक वृद्धि की वजह से आई है. इससे पहले दिसंबर, 2018 में निर्यात 0.34 प्रतिशत बढ़ा था. समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का आयात 9.26 प्रतिशत बढ़कर 11.38 अरब डॉलर रहा, जबकि गैर तेल आयात 2.78 प्रतिशत बढ़ा.सी तरह सोने का आयात 54 प्रतिशत बढ़कर 3.97 अरब डॉलर पर पहुंच गया. कुछ निर्यात क्षेत्रों मसलन पेट्रोलियम, हस्तशिल्प, सिलेसिलाए परिधान और फार्मास्युटिकल्स ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की. निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि निर्यात के आंकड़े उत्साहवर्धक नहीं हैं. ज्यादातर श्रम आधारित क्षेत्रों का निर्यात घटा है.भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) ने कहा कि अप्रैल माह की वृद्धि के आंकड़े आकर्षक नहीं हैं. टीपीसीआई के चेयरमैन मोहित सिंगला ने बयान में कहा कि हम सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने में कामयाब रहे. चाय, मसाला, फल और सब्जियों का निर्यात बढ़ना कृषि उत्पादों की दृष्टि से एक अच्छा संकेत है.