सोलन शहर के आसपास के जंगलों में लगी आग और सूरज की तपिश ने लोगों की मुश्किलों को दोगुना कर दिया है। एक तरफ सूरज आग उगल रहा है, दूसरी तरफ जंगल दहक रहे है। फलस्वरूप लोग भट्टी की तरह तप रहे है। ताजा स्थिति यह है कि बीते तीन दिन से करोल, तोप की बेड़, देवठी इत्यादि के जंगल धधक धधक कर जल रहे है। जंगलों में लगी भयंकर आग के आगे अग्निशमन विभाग भी कुछ नहीं कर पा रहा है। इससे करोड़ों की वन सम्पदा को तो नुकसान पहुंच ही रह है, साथ ही सैकड़ों वन्य जीव भी लुप्त हो गए हैं। आखिर इसका जिम्मेदार कौन?