जीरो बजट खेती की पहली फसल
पालमपुर -प्रदेश में जीरो बजट प्राकृतिक खेती विधि से तैयार पहली खाद्यान्न फसल जल्द ही सबके सामने होगी। जानकारी के अनुसार प्रदेश कृषि विवि में जैविक व प्राकृतिक खेती पर आयोजित किए जा रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जीरो बजट प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं की फसल प्रदर्शित करने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में पहली बार इस विधि से तैयार गेहूं की फसल प्रदर्शनी के साथ बिक्री के लिए भी उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रदेश में जैविक व प्राकृतिक खेती के उद्देश्य से जैविक कृषि सोसायटी, जैविक कृषि और प्राकृतिक कृषि विभाग, कृषि विवि का कृषि महाविद्यालय तथा राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई द्वारा सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 28 व 29 मई को कृषि विवि में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय पालमपुर आ रहे हैं। कृषि विश्वविद्यालय में सम्मेलन के दौरान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के आदान-प्रदान को प्रदर्शित करने के लिए दो प्रदर्शनी स्टाल लगाए जाएंगे। इसमें प्रदेश के सभी जिलों के किसानों के प्राकृतिक उत्पाद जैसे कि सब्जियां, अनाज, मोटे अनाज, चाय आदि प्रदर्शित किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार दो दिन तक चलने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में 20 किसान तथा 32 अधिकारी भाग ले रहे हैं। गौर रहे कि प्रदेश के राज्यपाल लंबे समय से जीरो बजट प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उनके ही प्रयासों से इस विधि के जानकार सुभाष पालेकर प्रदेश में अनेक स्थानों पर किसानों व वैज्ञानिकों को जीरो बजट प्राकृतिक खेती के तरीकों और फायदों की जानकारी दे चुके हैं। गत वर्षों के दौरान भी प्रदेश कृषि विवि में इस तरह के सम्मेलनों का आयोजन कर किसानों को प्रोत्साहित किया गया और काफी संख्या में किसान अब इस विधि को अपना रहे हैं।
एक हजार किसानों को देंगे प्रशिक्षण
जीरो बजट प्राकृतिक खेती पर पांच जून से प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी की गई है। इस शिविर में जीरो बजट प्राकृतिक खेती से जुड़े सुभाष पालेकर शिरकत करेंगे और किसानों को टिप्स देंगे। कुषि विभाग द्वारा कृषि विवि में आयोजित प्रशिक्षण शिविर छह दिन का होगा। इसमें कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लु, मंडी तथा लाहुल-स्पीति जिला के एक हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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