टेलीविजन देखिए… सीख जाएंगे व्यंग्य लिखना

By: May 6th, 2019 12:02 am

धर्मशाला में पुस्तक मेले के समापन अवसर पर व्यंग्यकारों ने सुनाई रचनाएं

 धर्मशाला —नेशनल बुक ट्रस्ट आफ इंडिया की ओर से धर्मशाला के पुलिस मैदान में आयोजित किया जा रहा पुस्तक मेले का रविवार को समापन हो गया। इसी दौरान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। व्यंग्य आज का अनिवार्य अंग है, इस बात को रेखांकित करते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के संपादक डा. ललित किशोर मंडोरा ने बताया कि व्यंग्य पर केंद्रित पुस्तकों का न्यास ने प्रकाशन किया है, जिसमें हरिशंकर परसाई, गोपाल चतुर्वेदी, नरेंद्र कोहली, प्रेम जनमेजय, ज्ञान चतुर्वेदी, सुभाष चंदर इत्यादि की पुस्तकें प्रमुख हैं। व्यंग्य के गलियारे से रविवार के सत्र में धर्मशाला, शिमला, सोलन, दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के व्यंग्यकारों ने अपनी रचनाएं सुनाकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। व्यंग्य की शुरुआत धर्मशाला के युवा व्यंग्यकार राजीव त्रिगती ने की। व्यंग्यकारों में गुरमीत बेदी, सुदर्शन वसिष्ठ, अशोक गौतम, आसुतोष गुलेरी भी प्रमुख रहे। सत्र में विशिष्ठ अतिथि डा. आलोक पुराणिक ने कहा आप सारा दिन टेलीविजन देखिए, आप अपने आप व्यंग्य लिखना सीख जाएंगे। अभिताभ बच्चन कितने विज्ञापनों में आते हैं, कभी लोन लेते दिखाई देंगे, तो कभी मंजन करते दिखाई देंगे। कितने व्यस्त है बॉस। आज एक ही समाचार वर्षों से आ रहा है कि सीबीएसई में लड़कियों ने लड़कों से इस बार भी बाजी मारी। टेलीविजन हमें व्यंग्य के लिए विषय उपलब्ध कराने में सक्षम है। आज के हीरो मोटरसाइकिल इस्तेमाल करते ही नहीं, जबकि वे विदेश में बनी कार इस्तेमाल करते हैं। आलोक पुराणिक ने अपनी चुटीली शैली में अपनी व्यंग्य रचनाओं का वाचन किया। प्रख्यात व्यंग्यकार व व्यंग्ययात्रा के संपादक डा. प्रेम जनमेजय ने कहा कि हम लालटेन युग के लोग हैं, लेकिन नैतिक मूल्यों का मान समझते हुए न्यास भी उनमें से एक है। इस मौके पर डा. प्रेम जनमेजय ने अपनी व्यंग्य रचना चिंकारा की आजादी का पाठ भी किया। व्यंग्य सत्र पुस्तक मेला का आखिरी सत्र था, जिसे शहर के श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध हो कर सुना।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App