तनाव बढ़ा रहा हार्ट अटैक का खतरा

चंडीगढ़ -उच्च रक्तचाप के साथ-साथ तनाव और नींद की कमी के कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा चार गुना बढ़ जाता है। मेदांता मेडिसिटी के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के उपाध्यक्ष डा. रजनीश कपूर ने विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक चिकित्सा सम्मेलन के दौरान चंडीगढ़ में अपनी अध्ययन रिपोर्ट जारी करते हुए दी। इस अध्ययन में वर्ष 2014 में उच्च रक्तचाप से पीडि़त 380 लोगों को शामिल किया गया था। जब उन्हें इस अध्ययन में शमिल किया गया था, उस समय उनमें से किसी को भी हृदय रोग या मधुमेह नहीं था। अध्ययन में शामिल लोगों में 74 प्रतिशत पुरुष और 36 प्रतिशत महिलाएं थी, जिनकी उम्र 30-65 वर्ष के बीच की थी। इस अध्ययन में शामिल लोगों का चार साल बाद फिर से साक्षात्कार किया गया और उनसे तनाव, सोने का समय और दिल के दौरे की घटनाओं के बारे में जानकारी ली गई। डा. कपूर ने बताया कि छह प्रतिशत लोगों में दिल के दौरे के मामले दर्ज किए गए। सिर्फ  अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से तुलना करने पर उच्च रक्तचाप, तनाव और नींद की कमी वाले लोगों में हार्ट अटैक के मामले चार गुना अधिक देखे गए। तनाव मुक्त लेकिन नींद की कमी वाले लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले 50 प्रतिशत अधिक पाए गए। उच्च रक्तचाप हृदय रोग के लिए एक महत्त्वपूर्ण जोखिम कारक है, क्योंकि जब रक्तचाप बढ़ जाता है, तो शरीर के चारों ओर रक्त पंप करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। उच्च रक्तचाप के साथ नींद की कमी और तनाव भी होने पर दिल का दौरा पड़ने का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। डा. कपूर ने बताया कि भारत में चार में से एक लोग उच्च रक्तचाप से पीडि़त है, और 50 प्रतिशत लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं है। इस दौरान उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे स्वास्थ्य जीवन शैली को अपनाएं, नियमित व्यायाम करें, तंबाकू के किसी भी उत्पाद का सेवन न करें, कम से कम सात घंटे की नींद जरूर लें, तनाव को नियंत्रित करें, फलों का अधिक सेवन करें व शराब का सीमित मात्रा में सेवन करें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वे अपने स्वास्थ्य का अच्छा ख्याल रख सकते हैं।