तैनाती, एक्सटेंशन पर मचेगा बवाल
राज्य बिजली बोर्ड में निदेशक तकनीकी का पद प्रोमोशन से भरने को आवाज
शिमला –लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होते ही राज्य बिजली बोर्ड में नियुक्तियों व एक्सटेंशन के मामले में बवाल मचना तय है। काफी समय से बिजली बोर्ड के इंजीनियर इसका इंतजार कर रहे हैं, जिस पर वे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी पहले मिल चुके हैं। यदि बिजली बोर्ड प्रबंधन ने नियुक्ति में अनदेखी की और किसी इंजीनियर को एक्सटेंशन दी, तो यहां पर अभियंताओं का रोष फूटेगा। सूत्रों के अनुसार बिजली बोर्ड में पावर इंजीनियर आचार संहिता के खत्म होने का ही इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि इसके बाद बोर्ड में प्रोमोशन का दौर शुरू होगा। यहां पर निदेशक तकनीकी का पद खाली पड़ा हुआ है और पावर इंजीनियर इस पद को प्रोमोशन के माध्यम से भरने की बात कर रहे हैं। यहां किसी सिफारिशी को यह पद मिलता है, तो इंजीनियर बखेड़ा खड़ा करने से पीछे नहीं हटेंगे, जिसके बारे में वह पहले भी सीएम से आग्रह कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि एक चीफ इंजीनियर को भी एक्सटेंशन देने पर विचार चल रहा है, जिसकी एक्सटेंशन के कागज सरकार तक पहुंच चुके हैं। इस एक्सटेंशन का भी पावर इंजीनियर विरोध कर रहे हैं, परंतु अभी तक उन्हें सकारात्मक रूझान नहीं मिल पाया है। यदि यह एक्सटेंशन होती है, तो भी बवाल मचेगा। बोर्ड में चार चीफ इंजीनियर बनाए जाने हैं, वहीं करीब 10 एसई भी प्रोमोट होंगे। साथ ही एक्सईएन व एसडीओ स्तर के अधिकारियों को प्रोमोशन मिलनी है। चुनाव आचार संहिता के चलते पदोन्नतियों का दौर रुक गया था, लेकिन आचार संहिता हटने के साथ यहां पर खाली पदों पर प्रोमोशन का दौर चलेगा। इंतजार में बैठे पावर इंजीनियरों में प्रोमोशन को लेकर खूब चर्चा है। अभियंता एक्सटेंशन के खिलाफ भी रणनीति बना रहे हैं। बिजली बोर्ड प्रबंधन से इंजीनियर एक दफा फिर से मिलकर मामले को उठाएंगे। इससे पहले भी अभियंताआें को प्रोमोशन के तोहफे सरकार देती रही है। यह हाल बिजली बोर्ड में ही नहीं, बल्कि दूसरे विभागों में भी है। सत्ता में आने से पहले भाजपा ने एक्सटेंशन की खुद भी खिलाफत की थी, लेकिन अब अपने चहेतों को एक्सटेंशन देने में भी पीछे नहीं है। इस मामले को लेकर वर्तमान सरकार कटघरे में है।
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