दिग्गजों को आज मिलेगा मेहनत का फल

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से लेकर कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के पसीने का भी परिणाम

शिमला – 17वीं लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के दिग्गजों की मेहनत का फल शुक्रवार को मिलेगा। वह चाहे कांग्रेस को मिले या फिर भाजपा को। देश और प्रदेश में भाजपा सरकार होने के नाते सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर और संगठन के मुखिया सतपाल सत्ती की प्रतिष्ठा का परिणाम भी चुनाव नतीजे के साथ-साथ निकलेगा। हालांकि चुनावी मैदान में प्रत्याशी उतरे हैं, लेकिन साख का सवाल सरकार, संगठन और दिग्गजों का बना हुआ है। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को उम्मीद है कि इस बार भी पार्टी चारों सीटों पर जीत दर्ज करेगी, मगर नतीजा सामने आने तक कुछ भी नहीं कह सकते। हिमाचल जैसे छोटे राज्य में मात्र चार सीटों पर कब्जा करने के लिए भाजपा ने एक साल पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। मुख्यमंत्री चारों सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र गए, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल इस बार हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से बाहर नहीं निकल पाए। कारण यह भी है कि इस सीट से उनके बेटे एवं सांसद अनुराग ठाकुर इस बार भी चुनाव मैदान में हैं। सांसद शांता कुमार भी इस बार चुनाव मैदान से बाहर होने के बावजूद जनता के बीच डटे रहे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सत्ती की अध्यक्षता में यह चौथा चुनाव हो रहा है। उनकी अध्यक्षता में भाजपा तीन चुनाव जीत चुकी है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लग चुकी है।

चलता रहा दल बदलने का ड्रामा

इस बार दल बदलने का ड्रामा चलता रहा। पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने अपने पोते की राजनीति के चक्कर में उन्होंने अपने बेटे अनिल शर्मा को जयराम ठाकुर की कैबिनेट में मंत्री पद को गवाना पड़ा। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सुरेश चंदेल ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया तो पूर्व मंत्री एवं कभी वीरभद्र सिंह के खास माने जाने वाले सिंघीराम भाजपा में शामिल हो गए।

पांच नेता ही कर गए प्रचार

प्रदेश भाजपा ने 30 नेताओं का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी व राजनाथ सिंह ने ही चुनावी रैलियां कीं। उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 66 दिन में 106 जनसभाएं कीं।