नए मंत्रिमंडल में एक की लगेगी लाटरी

By: May 28th, 2019 12:11 am

किशन कपूर के जीतने और अनिल शर्मा के इस्तीफे से पद खाली; राकेश पठानिया प्रबल दावेदार, वरिष्ठ धवाला का दावा भी मजबूत 

 शिमला —हिमाचल की जयराम सरकार के प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार में फिलहाल एक ही मंत्री को जगह मिलेगी। इसके लिए कांगड़ा जिला से नूरपूर के विधायक राकेश पठानिया की प्रबल दावेदारी है। खाद्य मंत्री किशन कपूर के सांसद निर्वाचित होने से मंत्री पद का स्थान खाली हुआ है। इसके चलते अब धर्मशाला में उपचुनाव होगा। कांगड़ा जिला का महत्व तथा धर्मशाला उपचुनाव की अहमियत के मद्देनजर इसी जिला को मंत्री पद मिलना संभावित है।  इसके अलावा भाजपा विधायकों में सबसे अधिक लीड नूरपूर विधानसभा क्षेत्र से मिली है। वरिष्ठता के आधार पर भी राकेश पठानिया का दावा मजबूत है। जाहिर है कि प्रदेश को सत्ता की राह दिखाने वाले कांगड़ा जिला से दोनों सरकारों ने कम से कम चार मंत्री कैबिनेट में रखे हैं। हालांकि चंबा, हमीरपुर तथा सिरमौर जिला मंत्री पद के लिए नजरें लगाए बैठे हैं। चंबा जिला से भटियात के विधायक बिक्रम जरयाल दूसरी बार विधायक बने हैं। उनका दावा है कि किशन कपूर के स्थान पर उन्हें गद्दी समुदाय के नाते मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला भी वरिष्ठता के आधार पर कैबिनेट में स्थान पाने के मजबूत दावेदार है। दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके रमेश धवाला चौथी बार विधायक बनकर अपना दावा पहले दिन से ही पेश कर रहे हैं। सिरमौर जिला से इस बार कोई भी मंत्री नहीं है। लोकसभा चुनावों में पार्टी को प्रचंड लीड दिलाने वाले विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार है। एक दशक तक मुख्यमंत्री देने वाले हमीरपुर जिला भी कैबिनेट में जगह पाने के लिए बेचैन है। हमीरपुर सदर से निर्वाचित होकर दूसरी बार विधायक बने नरेंद्र ठाकुर और भोरंज की विधायक कमलेश कुमारी इसके लिए अपने दावे पेश कर रही हैं। महिला कोटे तथा जातिय समीकरणों पर कमलेश कुमारी का दावा मजबूत हो सकता है, लेकिन अनुभवता उनके आड़े आ रही है। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा के त्यागपत्र से कैबिनेट का एक पद मंडी जिला को खोना पड़ा है। इस कारण मुख्यमंत्री के गृह जिला के सरकाघाट से कर्नल इंद्र सिंह और सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल का मजबूत दावा है। शिमला जिला से नरेंद्र बरागटा भी मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए बेचैन है। हालांकि इन दावेदारों में से फिलहाल किसी एक की ही लाटरी लगेगी। दूसरा मंत्री उपचुनाव के बाद बन सकता है।

बागबानी -शहरी विकास अपने पास रख सकते हैं सीएम

मंत्रियों के विभागों में फेरबदल संभव है। परफारमेंस के आधार पर कुछ मंत्रियों का भार कम हो सकता है। कुछ मंत्रियों से हैवी व्हेट डिपार्टमेंट छिनने का खतरा है। इसके अलावा बागबानी तथा शहरी विकास विभागों को जिम्मा सीएम अपने पास ले सकते हैं। झ्र


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