निजी निवेश को बढ़ाने पर जोर

नई दिल्ली – नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि संस्थान नई सरकार के लिए आर्थिक एजेंडे पर काम कर रहा है। इसमें दीर्घकालीन सतत वृद्धि प्राप्त करने और निजी निवेश को गति पर जोर होगा लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा गुरुवार को होगी और आने वाले दिनों में नई सरकार का गठन होगा। श्री कुमार ने कहा कि नीति आयोग नई सरकार को कार्य योजना सौंपेगा। उन्होंने कहा कि आयोग कुछ (आर्थिक एजेंडा) तैयार कर रहा है और उसे नई सरकार को सौंपा जाएगा। श्री कुमार ने कहा कि मूल चीज है कि हमें अर्थव्यवस्था में निजी निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। यह वास्तविक मुद्दा है और निजी निवेश को बढ़ाना है, इसके लिए छोटे एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) के लिए आसान कर्ज तक पहुंच की जरूरत है। आर्थिक एजेंडे में परिधान और चमड़ा क्षेत्रों के लिए उत्पादन लागत कम करने के लिए श्रम सबसिडी उपलब्ध कराने की वकालत की जा सकती है। श्री कुमार ने कहा कि देश में पूंजी की लागत काफी ऊंची है, जिसे नीचे लाने की आवश्यकता है। साथ ही भूमि बैंक सृजित करने की जरूरत है, ताकि निजी निवेश आकर्षित किया जा सके। यह पूछे जाने पर कि क्या नई सरकार आर्थिक नरमी को देखते हुए राजकोषीय प्रोत्साहन दे सकती है, श्री कुमार ने कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहन का मामला हमेशा रहता है, लेकिन इसके लिए शर्त है कि राजकोषीय संतुलन बना रहे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम गैर-कर राजस्व के जरिए राजकोषीय गुंजाइश सृजित कर सकते हैं। साथ ही कर अनुपालन के साथ राजकोषीय संतुलन बनाए रखते हुए सार्वजनिक पूंजी व्यय बढ़ाने की जरूरत है। श्री कुमार ने जोर देकर कहा कि भारत 2022 तक दहाई अंक में वृद्धि दर हासिल कर सकता है। इसके लिये पिछले पांच साल में अच्छी आधारशिला पहले ही रखी जा चुकी है।