न जाति; न गठबंधन, मोदी मैजिक कर गया काम

By: May 24th, 2019 12:02 am

लोकसभा चुनावों के नतीजों ने इस बार गठबंधन की राजनीति को पीछे धकेल दिया है। यूपी, बिहार महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में जहां विपक्षी दल गठबंधन कर बीजेपी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे, वे सभी समीकरण नतीजों में पीएम नरेंद्र मोदी के करिश्मे के आगे धाराशाई हो गए। न गठबंधन चला और न जाति का दांव। सब पर मोदी भारी दिखे।

मजबूत नेता की छवि

पीएम नरेंद्र मोदी की मजबूत नेता की छवि ने पूरे देश में उनको सर्वामान्य नेता के रूप में पेश किया। नोटबंदी, जीएसटी और आतंकवाद के खिलाफ उनके कड़े फैसले से देश में उनकी छवि एक मजबूत नेता की बनी। विपक्ष मोदी के सामने असहाय नजर आने लगा। नतीजों में मोदी की मजबूत छवि का भी रहा बड़ा योगदान।

बालाकोट एयर स्ट्राइक का असर

पुलवामा आतंकी हमले के बाद वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक ने देश में पीएम मोदी की छवि को और मजबूत किया। जिस तरह से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर जैश के आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया उससे देश में पीएम नरेंद्र मोदी की आतंक के खिलाफ एक्शन की खूब सराहना की गई। चुनावों के दौरान पीएम मोदी ने इस हमले को खूब बनाया और मजबूत सरकार के जरिए विपक्ष पर निशाना साधा।

जाति टूटी, काम बोला

यूपी, बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विपक्षी दलों का गठबंधन बुरी तरह असफल रहा। जाति के नाम पर किए गए गठबंधन को इन राज्यों में तवज्जों नहीं मिला। जनता ने केंद्र सरकार की योजनाओं के पक्ष में जमकर वोट किया। इन सभी राज्यों में जाति का बंधन टूट गया।

हर राज्य के लिए अलग समीकरण

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में हर राज्य के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई थी। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक के अलावा ओडिशा में बीजेपी अलग-अलग रणनीति के साथ उतरी। बंगाल में बीजेपी की रणनीति बेहद कारगर रही और राज्य में पार्टी ने ममता बनर्जी के किले में सेंध लगाने में सफलता पाई। इसके अलावा यूपी और बिहार में एनडीए ने गठबंधन को बड़े अंतर से मात देने में सफल रहा। महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने भारी जीत दर्ज की।

 यूपी और बंगाल की तैयारी पहले से शुरू

उत्तर प्रदेश में एसपी और बीएसपी के गठबंधन की सुगबुगाहट शुरू होने से पहले ही बीजेपी ने राज्य में 50+ वोटों के लिए कोशिश शुरू कर दी थी। बीजेपी को पहले से ही ये अंदाजा था कि यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन कर सकती है। पार्टी ने राज्य में केंद्र की जनहित योजनाओं का पूरा प्रचार किया और ये कोशिश की कि उसका लाभ सभी को मिले। पार्टी की यह रणनीति काम कर गई। पश्चिम बंगाल के लिए बीजेपी ने 2017 में ओडिशा के बाद से ही तैयारी शुरू कर दी थी। 

 राष्ट्रवाद का नारा

चुनावों में पीएम मोदी ने राष्ट्रवाद का नारा दिया था। लगभग भी चुनावी रैली में पीएम मोदी ने राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया। आतंकियों के खिलाफ उनकी सरकार के कड़े कदम का जिक्र किया। जनता में पीएम मोदी की ये अपील काम कर गई और लोकसभा चुनाव में बीजेपी 2014 के प्रदर्शन से भी आगे निकल गई।


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