पर्दे के पीछे उपचुनाव का खेल

पांच प्रत्याशियों के लोकसभा मैदान में उतरने से नेता फिट करते रहे गोटियां

शिमला —लोकसभा चुनावों में पर्दे के पीछे से विधानसभा उपचुनाव का खेल चलता रहा। जीत के दावेदार पांच प्रत्याशियों के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ही दलों की अलग राजनीति चल रही थी। इसका सबसे बड़ा केंद्र धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र बना रहा। खाद्य मंत्री किशन कपूर की जीत से आश्वस्त भाजपा के कई नेता धर्मशाला में उपचुनाव की फील्डिंग सजाने में व्यस्त रहे। इस हलके में भाजपा के दावेदार प्रत्याशियों की सूची दहाई के अंक तक पहुंच गई है। इसके चलते नतीजे आने से पहले ही अपनी गोटियां फिट कर रहे संभावित दावेदार आकाओं के महिमामंडन में व्यस्त रहे।    पवन काजल की जीत के लिए आगे आए कई कांग्रेस नेता कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के मद्देनजर अपना सियासी गणित बिठाने में व्यस्त रहे। इस कारण पार्टी दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह की उपस्थिति में टिकट के दावेदार कांगड़ा में ज्यादा सक्रिय रहे। उपचुनाव की आस में टिकट के तलबगार बने इन नेताओं ने भी कांग्रेस के कद्दावर नेता को पटाने में हर संभव प्रयास किया। जाहिर है कि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच है। इस कारण जीते चाहे कोई भी कांगड़ा जिला में उपचुनाव तय है। अब देखना है कि दावेदारों की लॉटरी धर्मशाला में खुलती है या कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में। संयोगवश यही समीकरण शिमला संसदीय क्षेत्र पर बैठ रहा है। भाजपा सरकार पच्छाद में उपचुनाव की तैयारियों में जुट गई है। नतीजों से पहले भाजपा के कई नेता पच्छाद में विधायक सुरेश कश्यप के उत्तराधिकारी बनने का दावा पेश कर रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में भी टिकट के चाह्वान लोकसभा के बजाय पर्दे के पीछे विधानसभा उपचुनाव का गेम प्लान बनाते रहे।

श्रीनयनादेवी में मेहनत

रोचक है कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से श्रीनयनादेवी के कांग्रेस नेता अधिक मेहनत करते दिखे।  कांग्रेसियों को आस है कि रामलाल ठाकुर के जीतने पर उपचुनाव संभव है। इसके बाद ही विधानसभा में दूसरे नेता को मौका मिल सकता है।