पांच साल में चार गुना बढ़ा जीत का खर्चा
पालमपुर – लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को चुनाव गतिविधियों के लिए 70 लाख रुपए खर्च करने की अनुमति दी गई है। प्रदेश में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में विजयी उम्मीदवार इससे कम पैसा खर्च कर सांसद बने हैं। रोचक यह है कि 2009 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले 2014 में जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवारों ने करीब चार गुना ज्यादा पैसा खर्च किया था। इससे भी रोचक यह कि 2009 में चारों विजेता उम्मीदवारों ने जितनी रकम खर्च की थी, 2014 में उससे ज्यादा तो एक-एक प्रत्याशी ने ही खर्च कर दी। जानकारी के अनुसार 2014 में जीते चारों उम्मीदवारों ने कुल करीब प्रत्याशियों का खर्चा एक करोड़ 86 लाख तक पहुंच गया था। तीन उम्मीदवारों ने जहां जीत के लिए 50-50 लाख के करीब की राशि खर्च की, वहीं एक उम्मीदवार का खर्चा 30 लाख से कम रहा। उधर, 2009 के लोकसभा चुनाव में तो सभी विजेता 15-15 लाख से भी कम खर्च कर सांसद बने थे। पिछले दो लोकसभा चुनावों में जहां सबसे ज्यादा खर्च शांता कुमार ने किया था, वहीं राजन सुशांत की जीत सबसे कम खर्चीली रही थी। जानकारी के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनाव में कांगड़ा सीट से भाजपा उम्मीदवार शांता कुमार ने 5567824 रुपए खर्च किए थे, तो मंडी सीट से भाजपा के उम्मीदवार रामस्वरूप का खर्चा 5125152 रुपए था और पिछले दो चुनावों में इन्हीं दो प्रत्याशियों का कुल खर्चा 50 लाख रुपए के पार गया था। वहीं मंडी से अनुराग ठाकुर ने बीते चुनावों में 4897633 रुपए खर्च दर्शाया था, जबकि 2009 के चुनाव में जीते अनुराग ठाकुर का कुल खर्चा 1217050 रुपए था। यानी कि पांच साल के अंतराल में ही अनुराग ठाकुर को चुनावों में करीब चार गुना अधिक रकम खर्च करनी पड़ी। शिमला से भाजपा उम्मीदवार का 2009 का चुनावी खर्चा जहां 900760 रुपए था, जो कि 2014 में बढ़कर 2956786 पर जा पहुंचा। 2009 के लोकसभा चुनाव में मंडी सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार वीरभद्र सिंह ने 1484987 रुपए खर्च किए थे, तो कांगड़ा सीट से भाजपा के उम्मीदवार राजन सुशांत ने 818572 रुपए खर्च किए थे।
चुनाव खर्चा
विजेता 2014
शांता कुमार5567824
रामस्वरूप 5125152
अनुराग ठाकुर4897633
वीरेंद्र कश्यप 2956786
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