पाकिस्तान—अफगानिस्तान म्यांमार से आ रही हेरोइन
हमीरपुर —प्रदेश को डेथ रेशो कम करना, नशामुक्त बनाना और एक्सीडेंट फ्री करना हमारी प्राथमिकता में है, जिसके लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं। यह कहना है हिमाचल प्रदेश पुलिस के प्रमुख डीजीपी एसआर मरड़ी का। गुरुवार को एनआईटी में हुई सेंट्रल जोन की मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि हेरोइन जैसे महंगे नशे की प्रदेश में ज्यादा सप्लाई हो रही है। काफी मात्रा में इसे पकड़ा भी गया है। उन्होंने बताया कि हेरोइन की सप्लाई पाकिस्तान, अफगानिस्तान और म्यांमार जैसे देशों से होती है। यह दुबई और नेपाल के रास्ते भारत पहुंचता है और उसके आगे तस्कर इसके आगे सप्लाई करते हैं। यह चिंता का विषय बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि नशे के दुष्प्रभावों से लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस हर स्तर पर प्रयास कर रही है। कुछ समय पहले इसी दिशा में एक सेलिब्रिटी कैंपेन शुरू की गई है, जिसमें किसी फिल्मी सितारे, गायक या क्रिकेटर द्वारा नशे से दूर रहने के संदेश दिलवाए जा रहे हैं ताकि युवा रास्ते से न भटकें। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 के शुरू के चार महीनों और 2019 के अप्रैल तक के आपराधिक ग्राफ को देखकर एक बात तो साफ हुई है कि इस बार चोरी, मर्डर, रेप और एक्सीडेंट जैसे मामलों में पिछली बार की तुलना में कमी आई है। पड़ोसी राज्यों से ट्रकों, टैंपों में आने वाले श्रद्धालुओं के बारे में डीजीपी ने कहा कि यह चिंता का विषय है। हमने पहले ाी पड़ोसी राज्य की पुलिस से इस मसले को उठाया था कि ऐसे वाहनों को वहीं रोक दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस बार फिर से इस विषय में बात की जाएगी। क्योंकि जब ये वाहन यहां पहुंच जाते हैं तो पुलिस के पास चालान करने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं होता। जबकि चालान इसका हल नहीं है। उन्होंने बताया कि ग्रेजुएट कांस्टेबल को भी अब चालान करने और मामलों की त तीश करने की शक्तियां दी गई हैं। ई चालान की सुविधा शुरू की गई है जिससे किसी गाड़ी का यदि कहीं भी चालान होता है, तो देश की हर पुलिस के पास उसका रिकार्ड होता है। ऐसे में पता लग जाता है कि पहले भी यह चालक यातायात नियम का उल्लंघन करके आया है ऐसे में उसका जुर्माना बढ़ जाता है और अधिक बार पकड़े जाने पर लाइसेंस कैंसिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस वक्त प्रदेशभर में 28600 सीसीटीवी कैमरे विभिन्न जगहों पर पुलिस द्वारा लगाए गए हैं। नशा निवारण कमेटियां जो पहले थाना स्तर पर ही गठित होती थीं अब उन्हें पंचायत स्तर पर भी गठित किया जा रहा है। पुलिस कर्मियों के कल्याण हेतू पैरामिलट्री के जवानों और उनके आश्रितों के लिए अब तक प्रदेश में 16 कैंटीनें खोली जा चुकी है और किन्नौर, लाहौल स्पीती और धौलाकुआं में भी तीन और खोली जाएंगी। इससे प्रदेश के करीब 50 हजार परिवारों को फायदा होगा।
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