पाकिस्तान ने स्पेस में भेजा हबल टेलिस्कोप
इस्लामाबाद -पाकिस्तान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अपने एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किए जा रहे हैं। पाकिस्तान के लोग भी उन्हें काफी सुना रहे हैं। दरअसल, एक कार्यक्रम में अपने देश की तारीफ करते हुए फवाद चौधरी यह भी कह गए कि हबल स्पेस टेलिस्कोप को पाकिस्तान की एरोनॉटिक्स एंड ऐरोस्पेस रिसर्च एजेंसी ने स्पेस में भेजा है। सच्चाई यह है कि हबल टेलिस्कोप को अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भेजा है। यह कार्यक्रम प्रसारित होते ही ट्विटर पर पाकिस्तान के साइंस मिनिस्टर ट्रोल हो गए। दरअसल, स्पेस से निगरानी के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर एंकर ने सवाल पूछा तो पाक मंत्री ने समझाते हुए कहा कि देखने में प्रॉब्लम है। एक तरीका यह है कि आपने एक दूरबीन लगाई जो 50, 60, 70 या शायद 100 साल पुरानी टेक्नोलॉजी है। एक देखने का तरीका दूरबीन हबल है, जो दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन है जो सुपारको ने भेजी हुई है, जो सेटेलाइट में वहां लगी हुई है। फिर सेटलाइट्स हैं और फिर और टेक्नोलॉजी है जो आप यूज करते हैं। पाक मंत्री जब यह दावा कर रहे थे तो न्यूज एंकर भी काफी हैरत भरी नजरों से उन्हें देख रहे थे। बाद में 31 सेकंड का यह वीडियो ट्विटर पर वायरल हो गया और पाक मंत्री के इस झूठे दावे पर लोग उन्हें ट्रोल करने लगे। उन पर मीम्स भी बन रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने तो यहां तक कह दिया कि फवाद चौधरी को अब साइंस एंड टेक्नोलॉजी का नोबेल पुरस्कार दे ही देना चाहिए। बता दें कि हबल टेलिस्कोप को 1990 में स्पेस में भेजा गया था और यह अब भी ऑपरेशन में है। इसे अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी की मदद से बनाया था।
लोगों ने कहा, इन्हें ही स्पेस में भेज दें
एक यूजर ने ट्वीट किया कि हो सकता है कि नासा प्रमुख इस्तीफा दे दें और फवाद चौधरी के मंत्रालय में सुपारको के प्रमुख के तौर पर शामिल भी हो जाएं। दूसरे यूजर ने ट्वीट किया कि आपने सचमुच अपने सभी पूर्ववर्तियों को पीछे छोड़ दिया है। मिस्टर प्रधानमंत्री इमरान खान को चाहिए कि ऐसे आविष्कारकों को इनाम के तौर पर अंतरिक्ष में भेजें।
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