पिता को पुत्र से आस; दादा को उम्मीद, पोता करेगा कुछ खास

By: May 17th, 2019 12:01 am

शिमला – इस बार के लोकसभा चुनाव में मंडी और हमीरपुर संसदीय सीट पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं। दोनों सीटों पर राजनीतिक परिवार के सदस्य चुनावी मैदान में हैं। प्रदेश की जनता के साथ-साथ राजनेताओं की भी यही इच्छा है कि उनके घर से नेता संसद में पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल अपने बेटे अनुराग ठाकुर से चौका लगाने की उम्मीद लगा रहे हैं, जबकि मंडी सीट पर पंडित सुखराम अपने पोते की राजनीतिक पारी शुरू होने की आस लगाए बैठे हैं। हमीरपुर सीट पर भाजपा के अनुराग ठाकुर इससे पहले तीन बार चुनाव जीते चुके हैं और वह चौथी बार चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल 65 दिनों से पसीना बहा रहे हैं। ऐसे में अब 19 मई को वोटिंग होगी और 23 मई को अनुराग के साथ धूमल की मेहनत का भी परिणाम सामने आएगा। वहीं, दूसरी तरफ मंडी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने भी जीत के लिए पूरा जोर लगाया है, लेकिन हार-जीत का फैसला मंडी के 17 विधानसभा क्षेत्र के मतदाता करेंगे। जिस तरह से सुखराम अपने पोते की राजनीतिक पारी शुरू करने में सफल होते देखना चाहते हैं, वैसे ही पूर्व मंत्री अनिल शर्मा भी अपने बेटे को छोटी सी उम्र में संसद में देखना चाहते हैं। भले ही वह अपने बेटे के लिए प्रचार नहीं कर पाए, मगर पर्दे के पीछे उन्हें सब मालूम है। पंडित सुखराम  की घर वापसी के साथ ही यहां की सियासत और भी गरमाने लगी। अपने पोते को कांग्रेस से टिकट दिलाने में सफल होने के बाद पंडित सुखराम परिवार को भाजपा ने घेरने की कोई कसर नहीं छोड़ी। इस बीच जयराम सरकार में ऊर्जा मंत्री रह अनिल शर्मा ने अपने बेटे आश्रय शर्मा के लिए पद से इस्तीफा भी दे दिया अब अनिल शर्मा न इधर के, न उधर के रह गए हैं। अपनी विधायकी बचाने के लिए अनिल शर्मा चाह कर भी बेटे के लिए प्रचार नहीं कर पा रहे हैं।

जनप्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा दांव पर

इस बार लोकसभा चुनाव में एक मंत्री और चार विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है। जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री किश्प कपूर कांगड़ा सीट से लोकसभा की राह तलाश रहे हैं, जबकि इसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं कांगड़ा के विधायक पवन काजल, हमीरपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं नयनादेवी से विधायक रामलाल ठाकुर, शिमला संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं सोलन से कांग्रेस विधायक धनीराम शांडिल और शिमला सीट पर ही भाजपा प्रत्याशी एवं पच्छाद से भाजपा विधायक सुरेश कश्यप चुनावी मैदान में हैं।

तीन पूर्व सीएम की परीक्षा हैं चुनाव

17वीं लोकसभा चुनाव प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की परीक्षा ले रहा है। हालांकि इनमें शांता कुमार ने कांगड़ा, प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर पर फोकस कर रखा है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह शिमला, कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर संसदीय क्षेत्रों में नब्ज टटोल चुके हैं। हालांकि वीरभद्र परिवार का गृह संसदीय क्षेत्र मंडी है। वहीं, तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों में सबसे बड़ी प्रतिष्ठा का सवाल प्रेम कुमार धूमल के लिए बना हुआ है, क्योंकि हमीरपुर सीट से उनके बेटे अनुराग ठाकुर चौथी बार मैदान में हैं।


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