फायर सर्विस के नहीं अपने रूल्ज

By: May 10th, 2019 12:04 am

अब प्रदेश फायर सर्विस के नियम बनाने को की जा रही कवायद, ऑफिसर के साथ भी हुई वीडियो कान्फ्रेंस

सोलन -हिमाचल प्रदेश फायर सर्विस के अपने रूल्ज ही नहीं हंै। इस बात का खुलासा हाल ही में हुआ है। बताया जा रहा है कि अब प्रदेश फायर सर्विस की ओर से रूल्ज बनाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए पिछले दिनों प्रदेश के फायर ऑफिसर के साथ एक वीडियो कान्फ्रेंस भी की गई, जिसमें सभी को आदेश दिए गए कि हिमाचल प्रदेश फायर सर्विस के रूल्ज तैयार करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों से डाटा भेजना शुरू करें। वाकायदा इसके लिए फायर ऑफिसरों को एक दिन का वक्त दिया गया था। अब प्रदेश फायर सर्विस द्वारा उस पर वर्क ऑउट किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि रूल्ज तैयार करने के बाद इसे पहले लॉ डिपार्टमेंट को भेजा जाएगा। इसके बाद रूल्ज की प्रतिलिपि कैबिनेट में पास कर अंतिम मुहर के लिए विधानसभा में रखी जाएगी। विंडबना है कि करीब 50 वर्षों से प्रदेश में सेवाएं प्रदान कर रही फायर सर्विस बिना रूल्ज से ही काम कर रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ रूल्ज भवनों की ऊंचाई के हिसाब से भी तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों का ब्यौरा भी भेजा गया है। इसके अलावा  अग्निशमन विभाग द्वारा सर्विस, कर्मियों की ड्रैस आदि के लिए रुल्ज तैयार किए जाने हैं। बताया जा रहा है कि इन रुल्ज के तहत जैसे ही भवन का नक्शा पास होगा उसी दौरान फायर विभाग आवश्यकता को देखते हुए एनओसी भी दे सकेगा। गौरतलब हो कि प्रदेश भर में 1972 से पहले से अग्निशमन विभाग अपनी सेवाएं दे रहा है। फायर विंग्स 1972 तक नगरपालिका समितियों व निगम के नियंत्रण में कार्य करती थी। इसके पश्चात राज्य में विभिन्न स्थानों पर अग्निशमन सेवाओं को अपने नियंत्रण में ले लिया। इसके पश्चात जरूरतों के आधार पर विभिन्न जिलों में नए फायर स्टेशन खोले गए। विभाग के काम को कारगर बनाने के लिए हिमाचल अग्निशमन सेवा अधिनियम वर्ष 1984 में लागू किया गया। इस दौरान भी फायर के रुल्ज नहीं थे। बता दे कि हिमाचल प्रदेश में अग्निशमन विभाग के एक फायर सेंटर, 22 फायर स्टेशन सहित 38 फायर पोस्ट हंै। इन सभी के लिए अब नए तरीके से फायर रुल्ज की रूपरेखा तैयार की जानी है। इसके पश्चात यह रूल्ज लॉ विभाग को भेजे जाएंगे। हिमाचल प्रदेश अग्निशमन विभाग द्वारा बनाए जाने वाले परफॉर्मा के तहत जमीनीस्तर के रुल्ज बनाए जाएंगे। इसमे कर्मियों के ड्रेस कोड के अलावा अन्य सभी प्रकार की सर्विस कंडीशन सम्मिलित किए जाएंगे। साथ ही नेशन बिल्डिंग कोड ऑफ  इंडिया के तहत बनने वाले भवनों पर भी ध्यान रखा जाएगा।

क्या है एनबीसी

नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ  इंडिया (एनबीसी), एक व्यापक बिल्डिंग कोड व एक राष्ट्रीय उपकरण है। यह देश भर में भवन निर्माण गतिविधियों को विनियमित करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है। परियोजना की परिणति के रूप में, संशोधित एनबीसी को भारत के राष्ट्रीय भवन संहिता 201 के रूप में लाया गया है।


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