बाइपास पर शिफ्ट होगा अस्पताल

सोलन में स्वास्थ्य विभाग ने राजस्व विभाग को लिखा पत्र, जल्द स्वास्थ्य विभाग को स्थानांतरित करें भूमि

सोलन –कथेड़ बाइपास पर जल्द ही अस्पताल बनाने का काम शुरू किया जा सकता है। इसके लिए प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने कवायद तेज कर दी है। जानकारी के अनुसार बीती 24 मई को स्वास्थ्य विभाग ने राजस्व विभाग को पत्र लिख कर भूमि स्थानांतरण करने को कहा है। कयास लगाए जा रहे है कि जैसे ही राजस्व विभाग की ओर भूमि का स्थानांतरण किया जाता है वैसे ही स्वास्थ्य विभाग की ओर नया अस्पताल बनाने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। गौरतलब हो कि अस्पताल को बनाने के लिए कथेड़ में लगभग 37 बीघा भूमि का चयन किया है। भूमि का चयन करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने भी निरीक्षण कर लिया है। यह भूमि जल्द स्वास्थ्य विभाग के नाम स्थानांतरित हो इसके लिए प्रक्रिया तेज हो गई है।  यही नहीं इस भूमि पर जल्द अस्पताल बने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने राजस्व विभाग के साथ पत्राचार किया है। अस्पताल सोलन शहर की भीड़भाड़ से बाहर शिफ्ट करने की मांग लोग काफी समय से करते आ रहे थे। इसके लिए लोगों सहित कई राजनीतिज्ञों ने इस मांग को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास भी किए और जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी सौंपे है। बताया जा रहा है कि क्षेत्रीय अस्पताल में जच्चा-बच्चा वार्ड सहित अन्य कार्य के लिए लगभग दस करोड़ रुपए की राशि सरकार से आई हैं। यह राशि अस्पताल प्रशासन उसी जगह पर खर्च करना चाहता है जहां अस्पताल बना हुआ है जिसके लिए लोग काफी नाराज भी हुए है। गौरतलब हो कि क्षेत्रीय अस्पताल करीब 58 वर्ष पहले लगभग 7000 लोगों के लिए बनाया गया था। उस दौरान न सोलन में इतनी आबादी थी और न ही पार्किंग की समस्या आती थी। परंतु अब सोलन की आबादी एक लाख से पार हो चुकी और अस्पताल में रोगियों के लिए एक भी गाड़ी खड़ी करने की व्यवस्था नहीं है। वर्तमान आबादी के अनुसार यह अस्पताल छोटा पड़ता दिखाई दे रहा है जबकि सोलन ही नहीं शिमला व सिरमौर के लोग भी यही का रुख करते है। इसके चलते रोजाना की ओपीडी 1500 से 2000 तक होती है। यही नहीं आपातकाल में अस्पताल तक एंबुलेंस के माध्यम से पहुंचने के लिए शहर की सड़कों पर दो चार होना पड़ रहा है। इसके चलते अस्पताल को खुले में शिफ्ट करने की बेहद जरूरत दिखाई देने लगी थी लेकिन अब विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।

राजनीतिक इच्छा शक्ति से उत्पन्न हो रही थी बाधा

अस्पताल सोलन को भीड़-भाड़ से बाहर शिफ्ट करने के लिए काफी समय से मांग उठती रही है। कईं जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल को शिफ्ट करने के लिए लोगों से वादा भी किया था, लेकिन यह मांग राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी के चलते यह सिरे नहीं चढ़ पा रही थी।