बिलासपुर में हाउस टैक्स पर छिड़ी जंग

बिलासपुर – भाखड़ा विस्थापितों के शहर बिलासपुर में इन दिनों गृहकर (हाउसटैक्स) लागू करने को लेकर कांग्रेस समर्थित नगर परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच ठन गई है। जहां हाउस टैक्स लागू करने का प्रस्ताव हाउस में पास करवाने को लेकर नगर परिषद उपाध्यक्ष ने गहरी नाराजगी जाहिर की है, तो वहीं, अध्यक्ष ने नगर परिषद की बैठक में हाउस टैक्स लागू करने का प्रस्ताव कभी भी पारित न होने का हवाला दिया है। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के बीच छिड़ी इस जंग को अब भाजपा समर्थित पार्षदों ने बीच में कूदकर और रोचक बना दिया है। भाजपा समर्थित पार्षदों की मानें तो नगर परिषद की बैठक में कभी भी हाउस टैक्स लागू करने का प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है। इस मसले पर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथ्यहीन बयानबाजी पर उतर आए हैं जिससे जाहिर होता है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार से वे बुरी तरह से बौखलाए हुए हैं। कांग्रेस हाईकमान का ध्यान इस ओर से हटाने के लिए एक दूसरे की आलोचना करने के लिए हाउस टैक्स को हथियार बनाया गया है। नगर परिषद बिलासपुर के भाजपा समर्थित पार्षदों माया देवी, नीतू मिश्रा, वंदना गौतम, नरेंद्र पंडित व कृष्णलाल उपाध्याय ने कहा कि शहर में हाउस टैक्स लागू करने के मामले में कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की बयानबाजी सरासर गलत है। उपाध्यक्ष कह रहे हैं कि अध्यक्ष की मूक सहमति की वजह से हाउस टैक्स लागू हुआ है। वहीं, अध्यक्ष कह रही हैं कि पिछले साल 12 मार्च को आयोजित नगर परिषद की बैठक में हाउस टैक्स वसूलने का प्रस्ताव पारित हो गया था। सच्चाई यह है कि उक्त बैठक में सरकार से मिलने वाली स्पेशल ग्रांट बारे चर्चा हुई थी। चर्चा के बाद यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि यदि भाखड़ा विस्थापित बहुल बिलासपुर शहर के विकास के लिए सरकार से स्पेशल ग्रांट मिलती है तो उसके बाद हाउस टैक्स लेने बारे विचार किया जाएगा। भाजपा समर्थित पार्षदों के अनुसार कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य पार्षदों में अंदरखाते जंग छिड़ी हुई है। कुर्सी को लेकर चल रही इस लड़ाई ने उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने पर मजबूर किया है। लोकसभा चुनाव में बिलासपुर शहर में भाजपा को जोरदार बढ़त मिलने से उनकी नींद उड़ गई है। उन्हें कांग्रेस हाईकमान की ओर से कार्रवाई का डर भी सता रहा है। इसी वजह से वे हाउस टैक्स को लेकर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और सदर के विधायक सुभाष ठाकुर से आग्रह किया है कि देश के लिए भाखड़ा विस्थापितों के बलिदान को ध्यान में रखते हुए उनकी बहुलता वाले बिलासपुर शहर के विकास के लिए नगर परिषद को स्पेशल ग्रांट जल्द दी जाए। उधर, इस संदर्भ में जब नगर परिषद बिलासपुर के कार्यकारी अधिकारी उर्वशी वालिया ने बताया कि नगर परिषद हाऊस में पास होने के बाद ही शहर में गृहकर लागू किया गया है। वैसे भी शहर के सुनियोजित विकास के मद्देनजर गृहकर लागू करना अनिवार्य है। इसके लिए बाकायदा नियम बने हुए हैं।