बुढ़ापे में अच्छी नींद है जरूरी

By: May 18th, 2019 12:03 am

उम्र के साथ-साथ हमारी याददाश्त भी कम होने लगती है। ऐसे में रात को अच्छी नींद आने से दिन भर हमारा मूड ठीक रहता है और इसकी मदद से बुढ़ापे में याददाश्त को तेज रखा जा सकता है। एक नई शोध में इस बात का खुलासा किया गया है। इंटरनेशनल न्यूरोसाइकोलॉजिकल सोसायटी के जर्नल में इस अध्ययन को प्रकाशित किया गया है। जिसमें यह बात कही गई है कि उचित मात्रा में नींद न लेने से या गहरी नींद न होने से हमारा मूड दिन भर उखड़ा-उखड़ा सा रहता है। जिससे आगे चलकर वृद्धा अवस्था में पुरानी किसी घटना को याद रखने की संभावना कम हो जाती है। कार्य स्मृति और तीन स्वास्थ्य संबंधी कारक जैसे कि नींद, उम्र और उदास मन के बीच शोधकर्ताओं ने गहरा संबंध पाया। कार्य स्मृति, अल्पकालिक स्मृति का एक हिस्सा है। जो संज्ञानात्मक कार्य जैसे कि सीखने, तर्क करने और समझने के लिए आवश्यक जानकरियों को अस्थायी रूप से संग्रहित कर उन्हें व्यवस्थित रखती है। हम किसी चीज का विकास किस तरह से करते हैं, उसका उपयोग कैसे करते हैं और सूचनाओं को किस तरीके से याद रखते हैं। इन सभी में कार्य स्मृति एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। शोधकर्ताओं द्वारा पहले भी इनमें से हर एक कारक को दिमाग की संपूर्ण कार्य प्रणाली से जोड़कर देखा जा चुका है, लेकिन अब इस विषय पर प्रकाश डाला गया है कि किस तरह से ये सभी कारक, स्मृति की गुणवत्ता और मात्रा से संबंधित है और ऐसा पहली बार किया गया है। ये तीनों कारक एक-दूसरे से परस्पर जुड़े हुए हैं। उदाहरण के तौर पर युवाओं की तुलना में वृद्ध व्यक्तियों में नेगेटिव मूड को अनुभव करने की संभावना ज्यादा रहती है। नींद की खराब गुणवत्ता भी अकसर उदास मूड से संबंधित रहती है। शोधकर्ताओं ने दो अध्ययन किए। पहले में कालेज स्टूडेंट्स से स्वयं उनके द्वारा बताए गए नींद की क्वालिटी और डिप्रेस्ड मूड और कार्य स्मृति के प्रयोगात्मक उपायों से उनके संबंधी इन सारी चीजों के नमूने लिए गए। दूसरे में, वृद्ध सदस्यों के नमूने लिए गए। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने उम्र और कार्य स्मृति से उनके संबंध की छानबीन की।


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