भारत में मेनस्ट्रीम सिनेमा का दायरा अलग : अनुराग कश्यप

मुंबई – बॉलीवुड फिल्मकार अनुराग कश्यप का कहना है कि भारत में मेनस्ट्रीम सिनेमा का दायरा अलग है और भविष्य में ऐसी फिल्म का अवश्य निर्माण करेंगे जो बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़ने में कामयाब होगी। अनुराग कश्यप इन दिनों अपनी फिल्म ‘सांड की आंख’ को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। संगीतकार अमित त्रिवेदी ने उनसे पूछा कि क्या कभी भविष्य में अनुराग ‘बाहुबली’ जैसी फिल्म या कोई ऐसी खालिस मसाला फिल्म का निर्देशन करेंगे। अनुराग ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मैंने अपनी तरफ से एक ग्रैंड फिल्म बनाने की कोशिश की थी। ‘बॉम्बे वेलवेट’ के रूप में लेकिन वो मेरी ज़िंदगी में बड़ी असफलता के तौर पर सामने आई। मैं अपनी तरफ से मसाला मेनस्ट्रीम फिल्में बनाने की कोशिश ही करता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि भारत में कमर्शियल सिनेमा या मेनस्ट्रीम सिनेमा का दायरा थोड़ा अलग है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि मैं एक दिन ऐसी फिल्म को बनाने में कामयाब रहूंगा जो बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़ने में कामयाब होगी।” अनुराग कश्यप ने कहा, “मैं हमेशा अव्यवस्था और उथल पुथल भरी स्थितियों में बेहतर काम कर पाता हूं। मुझे याद है कि जब मैं बॉम्बे वेलवेट की शूटिंग कर रहा था तो उस सेट पर सब कुछ बेहद व्यवस्थित था और मैं उस दौरान इतना खोया-खोया महसूस कर रहा था। वो एक प्रॉपर सेट था और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे काम करना है। मुझे याद है सेट पर पहले दिन, मेरा अस्सिटेंट डायरेक्टर, बाकी लोग सभी अपनी-अपनी जगह पर मौजूद थे। तो मैं सभी जूनियर आर्टिस्ट्स के पास गया और उन सबको अलग-अलग दिशा निर्देश दे आया। इसके बाद मैं अपने सिनेमाटोग्राफर राजीव रवि के पास पहुंचा और उसे कहा कि अब शूट करते हैं नहीं तो यहां दिक्कत हो जाएगी और समय वाकई अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई और उस समय हमने शूट किया। तो मुझे लगता है कि मैं ऐसी ही कोलाहल और उथल पुथल से भरी परिस्थितियों में ही शूट करना पसंद करता हूं।”