भिखारी जेन
जेन कहानियां
तोसुई एक प्रसिद्ध जेन गुरु थे। वे जापान के कई प्रांतों में कितने ही शिष्यों को पढ़ा चुके थे। एक दिन अचानक उन्होंने शिक्षा देना बंद कर दिया और कहीं गायब हो गए। किसी को खबर नहीं थी कि वे कहां हैं। तीन वर्ष बाद उनके किसी पुराने शिष्य को उनके बारे में कुछ पता चला। वे क्योटो शहर के एक पुल के नीचे भिखारियों के साथ रह रहे थे। शिष्य तुरंत उनके पास जा पहुंचा और जेन शिक्षा देने के लिए उनसे अनुभव विनय करने लगा। ठीक है अगर कुछ दिन तुम ठीक इसी तरह रह सको, जिस तरह मैं रहता हूं, तो मैं इस पर विचार करूंगा। तोसुई ने जवाब दिया। शिष्य ने भिखारी का भेष धारण कर लिया और उस पूरे दिन तोसुई के साथ रहा। देर रात गए एक भिखारी मर गया। तोसुई और उनके भिखारी शिष्यों ने आधी रात गए उसका शव उठाया और उसे पहाड़ी पर ले जाकर दफना दिया। इसके बाद सारे अपनी शरण स्थली पुल के नीचे लौट आए। तोसुई शेष रात गहरी नींद सोए, मगर उनके इस शिष्य को जरा भी नींद नहीं आई। सुबह होने पर तोसुई ने कहा, आज हमें भीख मांगने के लिए नहीं जाना होगा। हमारा मृतक मित्र काफी कुछ छोड़ कर गया है। वह शिष्य मृतक के छोड़े में से एक निवाला भी नहीं खा सका। मैंने कहा था न, तुमसे नहीं होगा। तोसुई ने अपना फैसला सुनाया, दफा हो जाओ यहां से और फिर कभी मुझे परेशान मत करना।
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