मज्याठ की जनता सड़क सुविधा से महरूम

शिमला —नगर निगम शिमला के मज्याठ वार्ड में रविवार को मासिक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक पार्षद दिवाकर देव शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इसमें मज्याठ वार्ड के करीब 200 लोगों ने भाग लिया। बैठक में वार्ड से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की गई। इसमें आजादी के 70 साल बाद भी सड़क सुविधा का न होना चर्चा का मुख्य विषय रहा। सड़क सुविधा न होने के कारण आपातकालीन स्थिति में मरीज, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चों को अपने घर से सड़क तक पहुंचाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार मरीज व गर्भवती महिलाओं को चार-चार लोगों द्वारा स्ट्रेक्चर पर ले जाया जाता है व कई बार समय पर स्वास्थ्य सुविधा न मिलने पर जान भी जा चुकी है। पार्षद दिवाकर देव ने कहा कि विगत वर्ष 2018 में गर्मियों के मौसम में जल संकट के दौरान विभिन्न वार्डों में टैंकर से पानी की आूपर्ति की गई थी, मगर सड़क सुविधा न होने के कारण भाग संख्या-7 मज्याठ में पानी की आपूर्ति नहीं की जा सकी, जिससे वार्ड के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में स्वस्थ भारत जैसी योजनाओं से देश-प्रदेश का गांव-गांव सड़क सुविधा से जुड़ा हुआ है, लेकिन नगर निगम की अधिकांश जनता आयकर संपत्ति कर और वस्तु एवं सेवा कर दाता होने के बावजूद सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। वर्तमान में भी नगर निगम अमु्रत व स्मार्ट सिटी जैसी केंद्रीय योजनाओं से लाभान्वित होने के बावजूद भाग संख्या-7 मज्याठ आज भी रोगी वाहन योग्य सड़क के इंतजार में है। दिवाकर देव शर्मा ने सभा को अवगत करवाया कि इस संबंध में पूर्व में भी संबंधित विभागों व अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है लेकिन अभी तक जनहित में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है। यह वार्ड शिमला कालका रेलमार्ग के बिल्कुल आसपास आता है और 70 प्रतिशत जनसंख्या दोनों ओर रहती है व दिनचर्या में लोगों को चलने के लिए रेलवे टै्रक का इस्तेमाल करना पड़ता है। इस हिस्से में करीब 5000 लोग सड़क सुविधा से वंचित हैं।